लिस्टिंग के बाद से ही LIC के शेयरों में गिरावट से सरकार भी परेशान है। हालांकि, सरकार ने गिरावट को अस्थायी बताया है। LIC का शेयर प्राइज हर दिन के साथ नया लो बना रहा है। शुक्रवार को यह 708 रुपए तक गिरा और 709.70 रुपए पर बंद हुआ। 17 मई को शेयर 949 रुपए के मुकाबले 872 रुपए पर लिस्ट हुआ था। तब से ये अपने इश्यू प्राइस तक भी नहीं पहुंच पाया है।
अस्थायी गिरावट से बहुत चिंतित
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडे ने कहा, ‘हम LIC के शेयर की कीमत में आई अस्थायी गिरावट से बहुत चिंतित हैं। लोगों को LIC के फंडामेंटल्स को समझने में समय लगेगा। LIC मैनेजमेंट इन सभी पहलुओं पर गौर करेगा और शेयरधारकों की वैल्यू को बढ़ाएगा।’ LIC का शेयर 949 रुपए के इश्यू प्राइस के मुकाबले करीब 25% डिस्काउंट पर है।
शेयरों में गिरावट का कारण
LIC के शेयरों में लगातार गिरावट का एक कारण एंकर इन्वेस्टर्स का लॉक इन पीरियड माना जा रहा है। एंकर इन्वेस्टर IPO खुलने के 30 दिन बाद ही शेयर बेच सकते हैं। LIC के मामले में यह पीरियड 13 जून खत्म हो रहा है। इसके बाद वे शेयर बेच सकेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि बिकवाली के दबाव में शेयर और गिर सकता है। इसलिए जिन लोगों ने शेयर में पहले से निवेश किया है वो बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
LIC के निवेशकों को 1.50 लाख करोड़ का झटका
IPO के दौरान LIC का वैल्यूएशन 6 लाख करोड़ के करीब था। LIC अपने इश्यू प्राइस से 9% डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ था। इसके बाद भी, यह 5.70 लाख करोड़ रुपए के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ 5वीं सबसे बड़ी लिस्टेड फर्म बन गई थी। शेयरों में गिरावट के चलते यह अब महज 4.50 लाख करोड़ रह गया है। यानी अब तक LIC के निवेशकों को 1.50 लाख करोड़ का झटका लग चुका है।