फिच रेटिंग्स ने भारत की लॉन्ग टर्म फॉरेन करेंसी इश्यूअर डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) पर अपने आउटलुक को ‘निगेटिव’ से ‘स्टेबल’ कर दिया है। उसने सॉवरेन रेटिंग को ‘BBB’ पर कायम रखा है। वहीं इस वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ रेट को 8.5% से रिवाइज कर 7.8% किया है। फिच ने FY24 से FY27 के बीच भारत की लगभग 7% ग्रोथ का अनुमान लगाया है। फिच का अनुमान है कि RBI FY24 तक रेपो रेट 6.15% तक बढ़ाएगा।
फिच रेटिंग्स ने कहा कि भारत के लिए उनका आउटलुक रिविजन दर्शाता है कि ग्लोबल कमोडिटी प्राइस में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद मीडियम टर्म में ग्रोथ में गिरावट का जोखिम कम हो गया है। इसका कारण भारत की तेज इकोनॉमिक रिकवरी और फाइनेंशियल सेक्टर का मजबूत होना है। एजेंसी ने कहा कि भारत की इकोनॉमी में COVID-19 महामारी के झटके के बाद ठोस सुधार देखने को मिल रहा है।
महंगाई के कारण घटाया GDP अनुमान
फिच रेटिंग्स ने भारत सरकार के रिफॉर्म एजेंडे, इंफ्रास्ट्रक्चर को आगे बढ़ाने और फाइनेंशियल सेक्टर के दबाव को कम करने के आधार पर FY24 और FY27 के बीच 7% GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया है। वहीं इस वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ को 8.5% घटाकर 7.8% करने का कारण महंगाई है। रूस-यूक्रेन जंग के कारण ग्लोबल कमोडिटी प्राइस में काफी इजाफा हुआ है जिसका असर भारत समेत दुनियाभर पर पड़ा है।
रेपो रेट के 6.15% तक बढ़ने का अनुमान
फिच ने FY24 तक रेपो रेट के 6.15% तक बढ़ने का अनुमान जताया है। इसकी वजह भी महंगाई ही है। मई में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 7.79% हो गई थी। ऐसे में महंगाई को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक रेपो रेट में इजाफा कर रहा है। हाल ही में महंगाई से चिंतित RBI ने रेपो रेट में 0.50% इजाफा किया है जिससे ये बढ़कर 4.90% हो गई है।