अमेरिका में लगभग दो साल पहले रंगभेद को खत्म करने के लिए ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन चला। एक रिसर्च में सामने आया कि अश्वेतों पर हुए अत्याचारों के बारे में नई पीढ़ी को पता ही नहीं होता है। इसलिए अब ब्रिटेन सरकार ने एक फैसला किया है। इसके तहत 5 से 14 साल के बच्चों के स्कूलों में इतिहास की किताबों में अश्वेतों के योगदान के बारे में पाठ जोड़े जाएंगे।
अश्वेतों को गुलाम बनाने और उनकी खरीद-फरोख्त सहित औपनिवेशिक काल के दौरान श्वेत शासकों के जुल्मों को कोर्स की किताबों में शामिल किया जाएगा। ब्रिटेन में इसे मॉडल करिकुलम का नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ी में अश्वेतों के प्रति नजरिए को बदलना है। साथ ही ऐसे अश्वेत लीडर्स की कहानियां भी शामिल की जाएंगी जिन्होंने ब्रिटेन के विकास में अपना योगदान दिया है।
अमेरिका में पिछले साल हुए ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन को दुनिया के ज्यादातर देशों में समर्थन मिला था। इस आंदोलन की शुरुआत 25 मई 2020 को हुई थी।
नए मॉडल से छिड़ी बहस
इसके साथ ही ब्रिटेन में नई बहस भी छिड़ गई है। कुछ शिक्षण संस्थानों का कहना है कि नया कोर्स लागू करना इतना आसान नहीं होगा। इसका एक कारण ये भी है कि पुराने कोर्स की इतिहास की किताबें बच्चों ने खरीद ली हैं। साथ ही कई लोग इतिहास की किताबों में बदलाव को मानने को तैयार भी नहीं हैं।
उनका कहना है कि अश्वेतों के प्रति सहानुभूति जगाने के लिए अन्य उपायों पर ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि ये कतई नहीं माना जा सकता है कि सिर्फ इतिहास पढ़कर ही आने वाली पीढ़ी में अश्वेतों के प्रति लोगों का नजरिया बदल जाएगा।
अमेरिकी पुलिस के एक अफसर ने मिनेपोलिस में एक अश्वेत नागरिक की गर्दन तब तक दबाए रखी थी, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। इसी के विरोध में यह आंदोलन शुरू हुआ था।
इस बदलाव को लागू करने में चुनौतियां भी सामने आ रहीं
कुछ समय पहले ब्रिटेन के कई स्कूलों ने सरकार के इस नए मॉडल करिकुलम को लागू करने में अनिच्छा जताई थी। प्राइवेट स्कूल ऐसा नहीं कर रहे हैं। ब्रिटेन के स्कूली शिक्षा मंत्री रॉबिन वॉकर का कहना है कि नया कोर्स लागू करना अनिवार्य नहीं किया गया है।