केएल राहुल को हमेशा से विश्व क्रिकेट के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। टीम इंडिया के लिए कई मैच विनिंग पारियां खेल चुके इस खिलाड़ी ने लगातार तीसरे साल IPL में 600 रन का आंकड़ा पार कर लिया, लेकिन टीम एलिमिनेटर हारकर फाइनल की दौड़ से बाहर हो गई।
एलिमिनेटर में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ राहुल ओपनिंग करने आए और 19वें ओवर तक क्रीज पर रहे। इसके बावजूद रन रेट को कैलकुलेट करते हुए टीम टारगेट चेज नहीं कर सकी। शुरुआती 45 गेंद खेलने के दौरान राहुल का स्ट्राइक रेट 100 के आसपास रहा, जिस कारण टीम रन चेज में पिछड़ गई। आखिरकार 208 का टारगेट चेज करते हुए टीम 14 रन से मैच हार गई।
लखनऊ की शिकस्त के बाद पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। शास्त्री के मुताबिक बीच के ओवरों में केएल राहुल की धीमी बैटिंग की वजह से मैच हाथ से निकल गया। शास्त्री का कहना है कि राहुल को चांस लेना चाहिए था। संजय मांजरेकर ने भी राहुल की इनिंग को थर्ड गियर इनिंग करार दिया है। पूर्व कीवी कप्तान डेनियल विटोरी ने कहा है कि राहुल तेज खेल सकते हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने स्लो इनिंग खेली।
राहुल की बल्लेबाजी के अंदाज से नाराज नजर आए रवि शास्त्री
एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट के मुताबिक शास्त्री मैच के बाद केएल राहुल की अप्रोच से नाराज दिखे। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि थोड़ी तेजी से रन बनाने चाहिए थे। 9वें से 14वें ओवर के बीच किसी एक गेंदबाज को टारगेट करना चाहिए था, खास तौर पर पार्टरनशिप के दौरान। जब हुड्डा और राहुल बैटिंग कर रहे थे, तब मुझे लगता है कि राहुल को चांस लेना चाहिए था, क्योंकि हुड्डा रन बना ही रहे थे।’
RCB ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर 207 रन बनाए। इस दौरान टीम के लिए रजत पाटीदार ने धमाकेदार बैटिंग की। उन्होंने 54 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 112 रन बनाए। पाटीदार ने 12 चौके और 7 छक्के लगाए। जबकि दिनेश कार्तिक ने अंत में नाबाद 37 रन बनाए। इसके जवाब में केएल की टीम लखनऊ 193 रन ही बना सकी।
संजय मांजरेकर ने राहुल को जिम्मेदारी निभाने लायक खिलाड़ी नहीं माना
संजय मांजरेकर का मानना है कि केएल राहुल जिम्मेदारी निभाने के लिए सही खिलाड़ी नहीं हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “हम अब राहुल का यह रूप कई बार देख चुके हैं। जहां विराट कोहली, रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों ने लंबे समय तक IPL में टीम के प्रमुख बल्लेबाज और कप्तान की जिम्मेदारी को एक साथ बखूबी निभाया है, वहीं राहुल बार-बार नाकाम रहे हैं। शायद वह इस भूमिका के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं।”
संजय मांजरेकर का कहना है कि राहुल को बगैर पूरी टीम का दबाव लिए खुलकर बल्लेबाजी करनी चाहिए।
मांजरेकर ने कहा, “एक कोच के रूप में मैं राहुल से बस यह कहना चाहूंगा कि वह अपने दिमाग से निकाल दें कि वह टीम को मैच जिताने जा रहे हैं। आप बस मैदान में जाइए और अपने खेल का मजा लीजिए। आपको पहले दिन से ही उनके खेल में फर्क दिखने लगेगा। ऐसा आप उनके आंकड़ों से भी समझ सकते हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में, जहां राहुल नहीं विराट या रोहित टीम के प्रमुख बल्लेबाज होते हैं, वहां पर राहुल का स्ट्राइक रेट IPL की तुलना में बहुत अधिक हो जाता है।”
लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मिली जीत के बाद विराट कोहली कुछ इस अंदाज में ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते नजर आए।
मांजरेकर ने करार दिया थर्ड गियर बैटिंग
मांजरेकर ने राहुल की इस पारी को ‘तीसरी गियर की पारी’ कहकर संबोधित किया और कहा कि उनकी टीम को तब फायदा होता, जब राहुल लंबा खेलने की बजाय तेज खेलने की सोचते। उन्होंने कहा, “जब राहुल पंजाब किंग्स के कप्तान थे, तब भी उनके साथ ऐसा हो रहा था। वह बड़ी पारियां खेलते तो थे, लेकिन उनकी टीम लक्ष्य का पीछा करने से कुछ रन पीछे रह जाती थी। राहुल की टीम इस साल भले ही बदल गई है, लेकिन उनके साथ अब भी वैसा ही हो रहा है।
राहुल को बड़े शॉट खेलने पर जोर देना चाहिए क्योंकि उनके पास ऐसा करने की क्षमता है। इस मैच में भी जब भी उन्होंने बड़ा शॉट खेलना चाहा, वह सफल हुए। उन्होंने जोश हेजलवुड पर कुछ अच्छे शॉट लगाए। वह जब चाहें बड़े शॉट लगा सकते हैं, बस उन्हें इस अप्रोच के साथ मैदान में आना होगा कि वह लंबी नहीं तेज पारी खेलने आए हैं। वह उसी तरीके से खेलें, जैसे वह टीम इंडिया के लिए खेलते हैं।”
विटोरी ने कहा – क्षमता होने के बावजूद केएल राहुल तेज नहीं खेले
न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान डेनियल विटोरी भी कहीं न कहीं मांजरेकर की बात से सहमत नजर आते हैं। विटोरी का मानना है कि बिना अधिक जोखिम लिए हुए भी केएल राहुल तेजी से रन बना सकते हैं और उन्हें अपनी इस क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “राहुल को इस अंदाज में इतनी लंबी बल्लेबाजी की जरुरत नहीं है। उनके पास क्षमता है कि वह तेज खेल सकें। आप उनसे ऐसा कुछ भी करने को नहीं बोल रहे हैं, जो कि वह कर नहीं सकते हैं। रजत पाटीदार ने अपनी शतकीय पारी के दौरान जितने जोखिम लिए, राहुल उसका आधा ही रिस्क लेकर उनसे अधिक महत्वपूर्ण पारी खेल सकते थे। इससे दीपक हुड्डा जैसे बल्लेबाज पर भी दबाव कम होता, जो कि अधिक रन रेट के कारण हर गेंद को मारने की सोच रहे थे। राहुल को वैसी ही बल्लेबाजी करने की जरूरत थी, जैसा वह भारत के लिए करते हैं।”
19वें ओवर में आउट होकर पवेलियन की ओर जाते लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान केएल राहुल ।
फिफ्टी बनाने के लिए 43 गेंद खेल लीं
राहुल ने 58 गेंदों पर 79 रनों की पारी खेली। जब 200 से ज्यादा का टारगेट चाहिए हो, तो यह पारी उस लिहाज से धीमी ही कही जाएगी। बड़ी बात यह है कि राहुल ने अपना अर्धशतक पूरा करने के लिए 43 गेंदें खेल लीं। लखनऊ की पारी में 43 गेंद ऐसी रहीं, जिन पर रन नहीं बन सके। राहुल ने अंत तक खेलने की योजना जरूर बनाई।
जहां उन्हें तेजी से बल्लेबाजी करनी थी, वहां वह कामयाब नहीं हो सके। राहुल ने पिछले सीजन में कहा था कि स्ट्राइक रेट को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जाता है। इस सीजन राहुल का यही स्ट्राइक रेट टीम की हार की वजह बन गया।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 43 गेंदों पर अर्धशतक पूरा करने के बाद दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते केएल राहुल ।
12 बॉल पर जीत के लिए 33 रन चाहिए थे लेकिन राहुल ने गंवा दिया विकेट
कुछ इस अंदाज में हटकर गेंद को फील्डर के सिर के ऊपर से खेलने के प्रयास मे राहुल कैच थमा बैठे।
LSG को जीत के लिए आखिरी 12 गेंद पर 33 रन बनाने थे। जोश हेजलवुड गेंदबाजी के लिए आए. पहली गेंद डॉट रही। दूसरी गेंद वाइड रही। इसके बाद उन्होंने एक रन दिया। यहां हेजलवुड ने दो और गेंदें वाइड डालीं, लेकिन इसके बाद अगली दो गेंदों पर उन्होंने दो बड़े विकेट झटक कर RCB को जीत की राह दिखा दी।
उन्होंने अपने ओवर की चौथी गेंद पर केएल राहुल को कैच आउट कराया और फिर पांचवीं गेंद पर क्रुणाल पांड्या को पवेलियन भेज दिया। ओवर की आखिरी गेंद पर उन्हें चमीरा ने चौका जरूर जड़ा, लेकिन कुल मिलाकर इस ओवर में उन्होंने महज 9 रन देकर 2 विकेट लेते हुए RCB की जीत लगभग तय कर दी।