तालिबानी अधिकारियों ने महिलाओं के अधिकार सीमित करने की तरफ एक और कदम बढ़ाया है। इस बार नया फरमान जारी करते हुए तालिबान ने महिला न्यूज एंकर्स को एंकरिंग के दौरान चेहरा कवर करने के आदेश दिए हैं। टोलो न्यूज से मिली जानकारी के मुताबिक, यह आदेश अफगानिस्तान के सभी मीडिया संस्थानों के लिए जारी किया गया है।
इस आदेश के बाद महिलाओं में गुस्सा देखा जा रहा है। एक एंकर ने कहा- तालिबान नहीं चाहता कि हम मीडिया संस्थानों से जुड़े रहें। वो शिक्षित महिलाओं से डरते हैं। एक अन्य एंकर ने कहा- पहले तालिबान ने लड़कियों से शिक्षा का अधिकार छीना अब वो मीडिया में महिलाओं को आगे बढ़ते नहीं देख पा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना
सोशल मीडिया पर इस नए फरमान की काफी आलोचना हो रही है। एक महिला ने ट्वीट किया- पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगा रही है और तालिबान महिलाओं की पहचान छिपाने के लिए उनका चेहरा कवर करवा रहा है। तालिबान के लिए महिलाएं एक बीमारी है। एक अन्य महिला ने लिखा- अब अफगानिस्तान की महिलाएं 20 साल पीछे जा रही हैं।
बुर्का पहनना का दिया था फरमान
अफगानिस्तान में सत्ता काबिज करने के बाद तालिबान ने कहा था कि वो महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आजादी देंगे। इसके उलट तालिबान ने फरमान जारी कर कहा था कि महिलाओं को पब्लिक के बीच चेहरा कवर करना ही होगा और सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनना ही होगा। इसके पहले भी तालिबान ने लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगा दी थी।
महिलाओं के लिए इस्तेमाल किया ‘नॉटी वुमन’ शब्द
CNN को दिए गए एक इंटरव्यू में अफगानिस्तान के होम मिनिस्टर सिराजुद्दीन हक्कानी ने महिलाओं के लिए ‘नॉटी वुमन’ शब्द का इस्तेमाल किया था। जब उससे तालिबानियों के डर से घर के बाहर नहीं निकलने वाली महिलाओं पर सवाल किया गया तो उसने कहा- हम ‘नॉटी वुमन’ को घर में रखते हैं। इस पर सफाई देते हुए उसने कहा- ‘नॉटी वुमन’ से मतलब उन महिलाओं से है, जो दूसरों के कहने पर सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करती हैं।
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