तुर्की के शहर इस्तांबुल में चल रही विमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गुरुवार को भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन गोल्ड मेडल मैच खेलेंगी। 52 किग्रा वेट कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में निखत का सामना थाईलैंड की मुक्केबाज जितपोंग जुतामास से होगा। रात 8:45 बजे जब निखत जब बॉक्सिंग रिंग में उतरेंगी, तब आत्मविश्वास से भरी रहेंगी, क्योंकि वे इस थाई मुक्केबाज को परास्त कर चुकी हैं। साल 2019 में निखत ने जितपोंग जुतामास को उनकी घरेलू रिंग में थाईलैंड इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पराजित किया था।
पिता बोले- बेटी पर पूरा भरोसा है, गोल्ड लाएगी
खिताबी मुकाबले से पहले 25 साल की इस मुक्केबाज के पिता मोहम्मद जमील अहमद ने कहा है, ‘मुझे अपनी बेटी पर पूरा भरोसा है कि वह गोल्ड मेडल के साथ लौटेगी। फाइनल बाउट देखने के लिए उत्साहित हूं।’ निखत तेलंगाना के निजामाबाद की रहने वाली हैं। वे लगातार दो दफा सेंटेजा कप जीतने वाली बॉक्सर हैं।
इस सीजन के फाइनल में पहुंचने वाली इकलौती भारतीय
प्रतियोगिता के सेमीफाइनल मुकाबले में निखत ने ब्राजील की कैरोलीन डी अल्मेडा को 5-0 से हराया। वे वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के मौजूदा सीजन के फाइनल में पहुंचने वाली इकलौती भारतीय मुक्केबाज हैं। अन्य भारतीय मनीषा मौन (57 किग्रा) को टोक्यो ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट इटली की इरमा टेस्टा ने 5-0 से और परवीन हुड्डा (63 किग्रा) को आयरलैंड की एमी ब्रॉडहर्स्ट ने 4-1 से हराया।
पिछले सीजन में भारत ने चार मेडल जीते थे
यह प्रतियोगिता का 12वां संस्करण है। इससे पहले रूस में आयोजित 2019 के संस्करण में भारतीय मुक्केबाजों ने एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। प्रतियोगिता के 11
संस्करणों में भारत अब तक नौ गोल्ड, आठ सिल्वर और 19 ब्रॉन्ज सहित 36 मेडल हासिल कर चुका है, जबकि रूस (60) और चीन (50) के नाम सबसे अधिक मेडल हैं। इस साल दुनिया भर के 73 देशों के रिकॉर्ड 310 मुक्केबाज इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं।