तालिबान हुकूमत ने सितंबर में गलती से ताजिकिस्तान स्थित अपनी एम्बेसी के अकाउंट में 8 लाख डॉलर ट्रांसफर कर दिए। गलती का एहसास होने के बाद जब तालिबान ने पैसा वापस मांगा तो वहां से इसे लौटाने से इनकार कर दिया गया। अशरफ गनी सरकार के वक्त ताजिकिस्तान में नियुक्त किए गए राजदूत मोहम्मद जहीर अघबर कहा- पिछली सरकार ने यह पैसा आने वाले खर्चों और कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए मंजूर किया था।
अघबर ने बताया- अशरफ गनी सरकार को यह पैसा अफगान एम्बेसी के खाते में भेजना था, लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए और हालात बदल गए। हम तालिबान को पैसा नहीं लौटा सकते, यह पैसा एम्बेसी की जरूरत के हिसाब से खर्च किया गया है। इसका इस्तेमाल ताजिकिस्तान में शरणार्थी बच्चों के स्कूल पर होना था।
ताजिक अधिकारियों का इनकार
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एम्बेसी के अकाउंट में 4 लाख डॉलर ही ट्रांसफर किए गए थे। शुरुआत में तो तालिबान ने इस मामले पर कुछ नहीं कहा, लेकिन नवंबर में जब देश के हालात बहुत ज्यादा खराब हो गए तो इसके बाद रकम वापस मांगने के लिए ताजिकिस्तान से संपर्क किया गया। जब तालिबान ने पैसा लौटाने को कहा तो ताजिक अधिकारियों से साफ तौर पर इससे इनकार कर दिया।