गुरूवार को यूरोपियन यूनियन (EU) के सम्मेलन में रूस-यूक्रेन विवाद पर बढ़ा फैसला लिया गया है। यूरोपियन यूनियन के नेताओं ने कहा है कि अगर रूस पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमला करता है तो उस पर और ज्यादा आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। हालांकि इस सम्मेलन में सिर्फ प्रतिबंध लगाने पर चर्चा हुई है, किसी पर लगाया नहीं गया। वहीं, एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस 2022 की शुरुआत में यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
दूसरे तरीकों का भी हो सकता है इस्तेमाल
EU समिट से पहले यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन ने भी इस पर बयान दिया। लेन ने कहा- रूस को रोकने के लिए पहले से लगाए गए प्रतिबंधों को और ज्यादा बढ़ाने के अलावा दूसरे तरीकों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। रूस ने जब 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया था, उसी वक्त से उनके फाइनेंशियल और एनर्जी सेक्टर पर प्रतिबंध जारी हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि नए प्रतिबंध किस तरह के होंगे।
यूरोपीय यूनियन के नेताओं की मीटिंग के दौरान मुख्य मुद्दा यूक्रेन का ही रहा।
एक्शन का होगा कड़ा रिएक्शन
यूरोपियन यूनियन के 27 देशों ने वादा किया है, अगर यूक्रेन के खिलाफ किसी भी तरह का मिलेट्री एक्शन लिया जाता है तो इसका कड़ा रिएक्शन होगा। रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए EU अमेरिका और ब्रिटेन के साथ कोऑपरेट करेगा। यूक्रेन रूस और पश्चिमी युरोप के बीच टकराव का केंद्र बना हुआ है। वहीं अमेरिकी इंटेलिजेंस का कहना है कि रूस ने यूक्रेन बॉर्डर के पास 1 लाख सैनिक तैनात कर दिए हैं, और 2022 की शुरुआत में हमले की तैयारी कर रहा है।
रूस ने किया सभी आरोपों का खंडन
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बताया कि रूस सीमा पर सैनिकों को कम करने के बजाए उनकी तादाद बढ़ा रहा है। लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीतानास नौसेदा ने – हम 30 साल की सबसे खतरनाक स्थिति का सामना कर रहे हैं। मैं यूक्रेन के साथ पूर्वी यूरोप के देशों को लेकर भी परेशान हूं। दूसरी तरफ, रूस ने इन आरोपों का खंडन किया है। उसने कहा- हमारा यूक्रेन पर हमला करने का कोई प्लान नहीं है। तमाम आरोप गलत हैं।
रूस और यूक्रेन की तनातनी जारी
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से तनातनी जारी है। कुछ वक्त पहले अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला कर सकता है और उसने इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी कर ली है। इन सब के बीच यूरोपियन यूनियन के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है। रूस क्रीमिया को पहले ही यूक्रेन से अलग कर चुका है। अब वो यूक्रेन पर भी कब्जा करना चाहता है। रूस का आरोप है कि यूक्रेन नाटो और अमेरिका की मदद करता है।