फिलाडेल्फिया की रहने वालीं एमी हर्नेंडेज और न्यूयॉर्क के पीट स्लोविक ने हाल ही में शादी की है। यह आयोजन आमतौर पर अमेरिका में होने वाली तुरत-फुरत शादियों की तरह नहीं था। एमी कहती हैं, ‘जिन लोगों से दो साल से नहीं मिले, उनसे मिलने-जुलने का 5-6 घंटे का आयोजन काफी नहीं था। इसलिए हमने चार दिन तक जश्न रखा।
इवेंट प्लानर के जरिए हमने दो दिन प्री-वेडिंग डिनर, हाइकिंग, पिज्जा पार्टी, वेडिंग स्पीच और कई गेम्स रखे। इसके अलावा पारंपरिक अनुष्ठान तो थे ही। यह अकेला मामला नहीं है। इन दिनों अमेरिका में भी भारत जैसे देशों की तरह कई दिन तक चलने वाली शादियां (मल्टीडे वेडिंग) होने लगी हैं।
दरअसल, कोरोना काल में लोगों को अकेलेपन से काफी जूझना पड़ा। इस तरह के आयोजन से वे करीबी लोगों के साथ ज्यादा वक्त बिता पा रहे हैं। ब्रिटेन के सरे में रहने वाले जुलियन पोनन और मैथ्यू फोर्ड ने एंटीगुआ में पांच दिन तक अनजान द्वीप पर लंच, डिनर, तरह-तरह की स्वीमिंग जैसे इवेंट रखे। पोनन बताती हैं, ‘मुझे पता था, शादी का दिन तो जल्द बीत जाएगा, मैं मेहमानों के साथ ज्यादा रहना चाहती थी। कुछ लोगों से तो शादी के पहले मिली तक नहीं थी, परिवार के लोगों से शादी के पहले जुड़ना अच्छा लगा।
सैन फ्रांसिस्को की इवेंट प्लानर एश्ले स्मिथ के मुताबिक महामारी के बाद उन्होंने जिन जोड़ों के लिए आयोजन रखे, उनमें 50% ने ‘मल्टीडे वेडिंग’ को प्राथमिकता दी। साथ ही ये आयोजन ऐसी जगह हुए, जहां युगल नहीं रहते, इसलिए मेहमानों को पहुंचाने की जिम्मेदारी भी हम पर ही रहती है। पांच शादियों में शामिल हो चुकी ओकलैंड की केरोलिन कोट्टो कहती हैं, ‘इन आयोजनों में डिनर के अलावा, पिकनिक, ट्यूबिंग, ट्रिप, ब्रंच जैसी गतिविधियां भी जुड़ गई हैं।
महामारी के बाद करीबी लोगों के साथ यादगार वक्त बिताना अच्छा लगा। सबसे बड़ी बात शादी में आने वाले सभी लोग वैक्सीनेटेड रहते हैं, इसलिए बेफिक्र होकर हम लुत्फ उठा सकते हैं। इवेंट प्लानर सामंथा गोल्डबर्ग कहती हैं कि कुछ लोग रिसेप्शन पर खर्च के लिए सजावट और दिखावे पर खर्च घटाने लगे हैं, डेस्टिनेशन कम खर्चीला लेने लगे हैं ताकि ज्यादा मेहमानों को बुला सकें और जिंदगी के सबसे बड़े मौके को यादगार बना सकें।
70% तक ज्यादा खर्च, पर पीछे नहीं हट रहे
वेडिंग प्लानर रेबेका रोज इवेंट्स की बेक्का एचिसन के मुताबिक मल्टीडे वेडिंग की लागत नवदंपती पर भारी पड़ सकती है, फिर भी वे बड़े आयोजनों से पीछे नहीं हट रहे। वेलकम पार्टी के लिए 11 हजार रुपए, रिहर्सल डिनर पर 90 हजार, रिसेप्शन पर दो लाख, ब्रंच पर 90 हजार रुपए तक प्रतिव्यक्ति ज्यादा खर्च होते हैं। अन्य गतिविधियों के लिए अलग खर्च करना होता है। यानी शादी का बजट 30% से 70% तक बढ़ जाता है।