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कोरोना के नाम पर जनता से लूट:बसें पूरी कैपेसिटी के साथ चल रहीं, जबकि टोल चार्ज 50 प्रतिशत कैपेसिटी दिखा ज्यादा

जिले में कोरोना का कोई केस नहीं है। परिवहन विभाग समेत सभी सरकारी विभागों में शत-प्रतिशत कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं लेकिन रोडवेज में कोरोना के नाम पर आम जनता के साथ जमकर लूट हो रही है। प्रदेश भर में टोल प्लाजा शुरू होने के बाद रोडवेज ने जिस भी रूट पर टोल शुरू हुआ है, वहां पर किराया बढ़ा दिया है। दरअसल कोरोना का हवाला देते हुए 50 प्रतिशत कैपेसिटी के साथ बसें चलती दिखाकर टोल चार्ज ज्यादा वसूला जा रहा है लेकिन हकीकत में सभी बसें पूरी कैपेसिटी के साथ चल रही हैं।

जींद से भिवानी का किराया 15 रुपए और जींद से गोहाना का 10 रुपए किराया बढ़ाकर परिवहन विभाग द्वारा जनता के साथ लूट के आरोप यात्रियों ने लगाए हैं। भिवानी रूट पर यात्री हर रोज चालक-परिचालकों के साथ इस मामले में बहस भी कर रहे हैं।बता दें कि जींद से भिवानी रोड हो या जींद से गोहाना रोड, टोल प्लाजा वाले सभी रूटों पर किराया बढ़ाेतरी कर दी है। परिवहन विभाग ने 80 किलोमीटर तक प्रति किलोमीटर एक रुपया और इससे ज्यादा पर 1.05 रुपया प्रति किलोमीटर निर्धारित किया हुआ है।

टोल टैक्स के रूप में जो किराया रोडवेज द्वारा भरा जा रहा है, वह यात्रियों की जेब से ही निकाला जा रहा है। फिलहाल रोडवेज द्वारा टोल रोड पर 15 किलोमीटर तक का सफर करने पर तीन रुपए, 16 से 25 किलोमीटर तक यात्रा करने पर पांच रुपए, 26 से 30 किलोमीटर तक यात्रा करने पर 7 रुपए, 31 से 50 किलोमीटर तक यात्रा करने पर आठ रुपए, 51 से 70 किलोमीटर तक सफर करने पर 10 रुपए, 71 से 90 किलोमीटर तक सफर करने पर 12 रुपए तक टोल चार्ज लिया जा रहा है।

परिवहन समिति संचालकों को हो रहा ज्यादा फायदा

रोडवेज ने जो किराया बढ़ाया है, उससे यात्रियों की जेब पर तो बोझ बढ़ गया लेकिन परिवहन समिति संचालकों को इसका ज्यादा फायदा हो गया। उदाहरण के लिए जींद से गोहाना रूट पर रोडवेज की तीन से चार बसें चल रही हैं लेकिन प्राइवेट बसों की संख्या 15 से 20 तक है। इस रूट पर 10 रुपए किराया बढ़ा है। रोडवेज की कम बसें चल रही हैं, इसलिए रोडवेज को कोई फायदा नहीं हो रहा लेकिन रोडवेज द्वारा लागू किराया ही प्राइवेट बस संचालकों द्वारा लिया जा रहा है, इसलिए किराया बढ़ने से सीधा-सीधा फायदा प्राइवेट बस ऑपरेटरों को हो रहा है।

यात्रियों की मांग, कम हो किराया

जींद-भिवानी रूट के सचिन, अजय, सुखदेव, गोहाना रूट के विकास, सुमित, अमित और संजय ने कहा कि टोल के नाम पर यात्रियों से की जा रही वसूली या तो बंद हो या फिर कम होनी चाहिए। जींद से भिवानी तक पहले 75 रुपए लगते थे तो टोल शुरू होने के बाद 80 रुपए तक किराया होना चाहिए। गोहाना का भी किराया पांच रुपए कम करते हुए 50 रुपए ही किया जाना चाहिए।

इस तरह से हो रही है यात्रियों के साथ लूट

टोल चार्ज बढ़ाने को लेकर रोडवेज द्वारा कोरोना नियमों का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि बसें 50 प्रतिशत कैपेसिटी के हिसाब से चल रही हैं लेकिन बसें पूरी कैपेसिटी के हिसाब से चल रही हैं। अगर पूरी कैपेसिटी यानि 52 सीटों के हिसाब से टोल चार्ज वसूला जाएगा तो किराया कम बढ़ेगा, यानि कि जहां 10 रुपए बढ़ा है, वहां पर पांच रुपए ही बढ़ेगा। बसों में 60-60 से भी ज्यादा यात्री यात्रा कर रहे हैं, जबकि कागजों में दिखाया जा रहा है कि एक बस में कोविड नियमों की पालना करते हुए 30 यात्री ही सफर कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। बसें पूरी कैपेसिटी के साथ दौड़ रही हैं।

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