रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत ने अमेरिका, रूस, फ्रांस और अपने कई सहयोगी देशों को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि कई सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी सैनिक साजाे-सामान उनकाे हमारे देश में ही निर्मित करने हाेंगे।
उन्हाेंने पाकिस्तान, चीन का नाम लिए बिना कहा कि ईश्वर ने भारत को कुछ ऐसे पड़ोसी दिए हैं जो इसकी वृद्धि को देखकर अच्छा महसूस नहीं करते हैं और जो विभाजन से पैदा हुआ वह भारत के विकास की चिंता में कमजोर होता जा रहा है। फिक्की के सम्मेलन में राजनाथ ने कहा कि हमने हर मित्र देश को संदेश दिया गया है कि कम मेक इन इंडिया, कम मेक फॉर इंडिया और कम मेक फॉर द वर्ल्ड।
करीब 1000 तक सैन्य वस्तुओं का आयात नहीं हाेगा
रक्षा मंत्री ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 209 सैन्य उपकरणों का आयात नहीं करने के सरकार के फैसले का भी उल्लेख किया और संकेत दिया कि सूची के तहत इन वस्तुओं की संख्या लगभग 1,000 तक हाे सकती है। वर्तमान में भारत का रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण बाजार 85,000 करोड़ रुपए का है। मेरा मानना है कि 2022 में यह बढ़कर एक लाख करोड़ हो जाएगा।
फ्रांसीसी कंपनी के साथ साझेदारी
उन्हाेंने बताया कि एक प्रमुख फ्रांसीसी कंपनी रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत एक भारतीय कंपनी के साथ भारत में इंजन का उत्पादन करेगी। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के साथ बातचीत के बाद यह सहमति बनी है।