भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने संयुक्त संघर्ष पार्टी बना ली है। मिशन 2022 की पंजाब से शुरूआत है। इसकी घोषणा चंडीगढ़ में 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके की। चढ़ूनी ने कहा कि हमारा मकसद अमीर होना नहीं है।
नवनियुक्त पार्टी प्रधान रिछपाल सिंह जोडामाजरा ने कहा कि हमने एक साल संघर्ष में बिताया है। 750 किसानों की जानें गईं। किसानों के साथ ज्यादतियां हुईं, कैस-कैसे नाम किसानों को दिए। एक ओर लूटा जा रहा था दूसरी ओर मारा जा रहा था। इंसानियत को ठेस पहुंचाई जा रही थी। जैसे लोहे को लोहा काटता है, जहर को जहर मारता है। वैसे बिगड़ी हुई राजनीति से ही राजनीति ठीक की जा सकती है। इसलिए पार्टी बनाने का विचार आया।
पंजाब में शुरूआत क्यों
जोडामाजरा ने बताया कि इसके दो कारण है कि मिशन पश्चिम बंगाल चलाया। हमें पता था कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में मुकाबला है, तृणमूल जीती। फिर मिशन यूपी की बात आई। मिशन पंजाब की बात आई तो सोचा कि मदद किसकी करेंगे। क्योंकि अकाली दल और कांग्रेस दोनों ही दोषी हैं। आप ने कभी कॉर्पोरेट का विरोध नहीं किया। विकल्प न होने के कारण हमें पंजाब में अपनी पार्टी बनानी पड़ी। आंदोलन के बाद पहला चुनाव पंजाब में है। जब भी संघर्ष की बात आई तो पंजाब आगे रहा। इसलिए पंजाब से शुरूआत की गई।
पंजाब में पुश्तैनी गांव
पंजाब में चुनाव लड़ने की घोषणा के तहत गुरनाम सिंह यह भी कह चुके हैं कि हरियाणा छोड़कर पंजाब नहीं भागेंगे। वे मिशन पंजाब के तहत पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि चुनाव लड़वाएंगे। हरियाणा से संबंध होने के सवाल पर वह कह चुके हैं कि वे पैराशूट नहीं होंगे। उनका पुश्तैनी गांव पंजाब में है।बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब में चुनाव लड़ने के उनके निर्णय से सहमत नहीं था। इसी के चलते चढ़ूनी दूसरे किसान नेताओं पर समय-समय पर तंज भी कसते रहे हैं। चढ़ूनी का कहना है कि किसान अपनी खुद की सरकार क्यों नहीं बना सकता।