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816 आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर्स की भर्ती मामला:ITI के लो मेरिट वाले आवेदकों को मिला मौका,

हरियाणा में 816 आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर्स की भर्ती प्रकिया में चयनित अभ्यार्थियों को सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य करार दिया है। अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने लो मेरिट वाले आवेदकों को इंटरव्यू कॉल कर दी है। आयोग ने आईटीआई के 60 आर्ट एंड क्राफ्ट डिप्लोमा होल्डर को 13 दिसंबर को आयोग कार्यालय में बुलाया है।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चैयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने बताया कि आयोग ने आईटीआई और फाइन आर्ट कोर्स करने वाले लो मेरिट वाले आवेदकों को इंटरव्यू कॉल कर दी है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से दो वर्षीय आर्ट एंड क्राफ्ट का कोर्स कर चुके चयनित अभ्यार्थी इस इंटरव्यू प्रकिया के विरोध में है। शुक्रवार को चयनित अभ्यार्थी सीएम खट्‌टर से मिलने के लिए जाएंगे।

यदि सीएम से मुलाकात न हुई तो वे विरोध करेंगे। चयनित अभ्यार्थी बलदेव ने बताया कि गुरुवार को वे शिक्षा सदन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा दो वर्षीय आर्ट एंड क्राफ्ट कोर्स को आईटीआई के आर्ट एंड क्राफ्ट कोर्स के बराबर मान्यता प्रदान करने का प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे थे, परंतु मौलिक शिक्षा निदेशक या किसी अन्य अधिकारी ने प्रमाण पत्र नहीं लिया।

ये है मामला

कांग्रेस सरकार में 2006 में 816 पदों के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर की भर्ती निकाली थी। इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू मानक बनाए गए थे। परंतु 30 जून 2008 को लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई थी। चयन इंटरव्यू के आधार पर हुआ। 10वीं पास, आर्ट एंड क्राफ़्ट का दो साल का डिप्लोमा शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गई थी।

कुरुक्षेत्र विश्विवद्यालय से पत्राचार विभाग का डिप्लोमा मान्य किया गया तो रेगुलर वाले कुछ अभ्यार्थी हाईकोर्ट चले गए। साथ ही भर्ती के नियमों को बदलने की चुनौती दी गई। दोनों मामले सुप्रीम कोर्ट चले गए। इसके बाद सरकार ने हरियाणा स्टॉफ सिलेक्शन के जरिए इसी साल 31 जनवरी को परीक्षा करवाकर प्रकिया पूर्ण की। शिक्षा निदेशालय द्वारा दायर हल्फनामा कि केयू के पत्राचार विभाग से 2 वर्षीय डिप्लोमा की मान्यता, आईटीआई डिप्लोमा के बराबर न होने के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने चयनित अभ्यार्थियों को अयोग्य करार दिया।

आईटीआई डिप्लोमा होल्डर ने दायर की हुई है याचिका

वहीं दूसरी ओर आईटीआई डिप्लोमा होल्डर मनोज राठी चयनित उम्मीदवारों को हटाने और मेरिट दोबारा तैयार करने की मांग को लेकर पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट में पहुंचा है। कोर्ट ने नियुक्ति लेटर जारी करने पर रोक लगा दी है। सरकार ने जवाब दायर करने के लिए कोर्ट से समय मांगा हुआ है। मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर तक है।

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