कुन्नूर के हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 शहीदों के पार्थिव शरीर गुरुवार रात करीब 7.40 बजे तमिलनाडु के मद्रास रेजिमेंटल सेंटर से पूरे सम्मान के साथ नई दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लाए गए। एयरपोर्ट पर श्रद्धाजंलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाकी लोगों के साथ शहीदों के परिजन भी मौजूद थे। माहौल बेहद गमगीन था। हर आंख नम थी।
इस दौरान जनरल रावत और अन्य शहीदों की बेटियां ‘अपनों’ को ताबूत में देखकर काबू नहीं रख सकीं और भावुक हो गईं, जिससे माहौल और ज्यादा गमगीन हो गया। PM मोदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही एक-एक शहीद के परिजन से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश की।
मद्रास रेजिमेंटर सेंटर से हरक्यूलिस विमान में सभी शहीदों के शव दिल्ली के पालम एयरपोर्ट लाए गए।
विमान से उतारकर ताबूतों में रखे शव एयरपोर्ट बिल्डिंग में लाए गए।
शव को लाने वाले अधिकारी सेना के तीनों विंग से थे।
देश में हर आंख नम है। दुश्मन के लिए काल साबित होने वाले सैनिकों ने जब अपने साथियों के ताबूत कंधों पर उठाए तो उनके दिल भी रो पड़े होंगे; लेकिन, ये भी फर्ज ही है।
बुधवार को कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में जनरल बिपिन रावत, पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों का निधन हुआ था। पालम एयरपोर्ट पर इन सभी के फोटोग्राफ्स रखे गए थे।
रात करीब 8 बजे शहीदों के पार्थिव शरीर सम्मान के साथ पालम एयरपोर्ट पर लाए गए। इस दौरान वहां मौजूद उनके परिजन एकटक उन्हें निहारते रहे।
जनरल रावत की बेटियां निहारती रहीं ताबूत, ब्रिगेडियर लिद्दर की बेटी ने चूमा ताबूत
जनरल बिपिन रावत की दोनों बेटियां कार्तिका और तारिणी भी एयरपोर्ट पर मौजूद थीं। जब हरक्यूलिस विमान से जनरल रावत के शव का ताबूत नीचे उतारा गया तो दोनों बेटियां ताबूत में रखे पिता की पार्थिव देह को एकटक निहारती रहीं। दोनों ने माता-पिता के पार्थिव शरीर को प्रणाम कर ताबूत पर मत्था टेका। उनका रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था।
जनरल रावत की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी (दाएं) कीर्तिका और छोटी बिटिया तारिणी। कीर्तिका विवाहित हैं, मुंबई में रहती हैं। तारिणी एडवोकेट हैं और दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं।
तिरंगे में लिपटा पिता की पार्थिव देह जब पालम पहुंचीं, तो जनरल रावत की दोनों बेटियां इसे काफी देर तक एकटक निहारती रहीं।
कुछ देर तक दूूर से देखने के बाद वे करीब पहुंचीं। हाथों में गुलाब की पंखुड़ियां थीं और आंख में आंसू। जनरल रावत को उनके साथी बीरा के नाम से पुकारते थे।
जनरल रावत की बेटियों के अलावा उनके कई रिश्तेदार भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। हादसे में CDS के साथ पत्नी मधुलिका ने भी जान गंवा दी थी। उनका पार्थिव शरीर भी यहां रखा गया था।
माहौल तब बेहद गमगीन हो गया, जब इसी हादसे में शहीद ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर की बेटी आशना पिता के ताबूत के पास पहुंचीं। कुछ पल देखती रही और फिर झुककर उनके ताबूत को चूम लिया। आशना 12वीं की स्टूडेंट है। आशना की ही तरह उनकी मां, यानी ब्रिगेडियर लिद्दर की पत्नी ने भी अपने पति के ताबूत पर सिर रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
ये ब्रिगेडियर लिद्दर की बेटी आशना है। 12वीं की छात्रा आशना ने पिता के पैरों की तरफ रुख किया और उस जगह को चूम लिया।
आशना इस दौरान अपने पिता को कुछ कहने की भी कोशिश कर रही थीं।
पालम एयरपोर्ट पर मौजूद हर शख्स का दिल आशना को देखकर भर आया, जिसके आंसू अपनी मनमानी पर उतारू दिखे। छोटी सी आशना को लेखन का शौक है।
PM मोदी से पहले पहुंचे NSA डोभाल और रक्षा मंत्री राजनाथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जनरल रावत और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देने पालम एयरपोर्ट पहुंचे। PM से पहले करीब 8.30 बजे वहां पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और NSA अजीत डोभाल पहुंचे। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके परिजनों से मुलाकात की।
शहीदों के अंतिम दर्शन के लिए NSA अजीत डोभाल भी पहुंचे। वे डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह के साथ आए थे। डोभाल ने सभी शहीदों के परिवारों को सांत्वना दी।
प्रधानमंत्री मोदी से कुछ देर पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे। यहां उन्होंने शहीद जनरल बिपिन रावत के परिवार से मुलाकात की। इसके बाद वे अन्य शहीदों के परिजनों से भी मिले।
करीब 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पहुंचे और जनरल रावत समेत सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों के ताबूत देख PM ने हाथ जोड़े, सिर झुकाया और अपनी आंखें बंद कर लीं। इसके बाद मोदी शहीदों के परिजनों से एक-एक कर मिले और उन्हें ढांढस बंधाया।
जनरल रावत को श्रद्धांजलि देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
तीनों सेनाओं के प्रमुख भी पहुंचे श्रद्धांजलि देने
शहीदों के अंतिम दर्शन के लिए तीनों सेनाओं के चीफ भी आए। उन्होंने भी पुष्प अर्पित कर जनरल रावत समेत सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धासुमन अर्पित करते आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे।
श्रद्धासुमन अर्पित करते नेवी चीफ एडमिरल आर. हरिकुमार।
श्रद्धासुमन अर्पित करते एयरफोर्स चीफ वीआर चौधरी।
शुक्रवार को आम लोग दर्शन कर सकेंगे, फिर अंतिम संस्कार
जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार दिल्ली में शुक्रवार को होगा। सुबह उनका और उनकी पत्नी मधुलिका का शव सुबह 9 बजे सैन्य अस्पताल से पहले उनके घर पर लाया जाएगा। आम जनता कारज मार्ग स्थित आवास पर शुक्रवार सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक CDS जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दे सकती है। सैन्यकर्मी दोपहर 12:30-13:30 बजे के बीच सम्मान दे सकते हैं। इसके बाद पार्थिव शरीर को दिल्ली कैंट बराड़ स्क्वॉयर में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा। वहीं, सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली कैंट में शाम 7:15 बजे किया जाएगा।
शहीदों के परिजनों ने एक-एक कर अपनों को विदाई दी। कोई ताबूत चूमकर रो पड़ तो किसी कोई अपनों की तस्वीर लिए बस बाहों में समेटे रहा।