रूस ने यूक्रेन के बार्डर पर हमले की नीयत से लगभग पौने दो लाख सैनिक और अन्य युद्धक साजोसामान को तैनात कर दिया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है। ऐसे में अमेरिका ने पूर्वी यूरोप के देश यूक्रेन में अपनी सेनाएं भेजने का ऐलान किया है। शीत युद्ध के लगभग 30 साल बाद ये पहला मौका होगा जब अमेरिका पूर्वी यूरोप में अपनी सेना भेजेगा।
यूक्रेन में रूसी सैनिकों की तैनाती से यूरोप की सियासत गरमा गई है। दरअसल, अक्टूबर में पाेलैंड और बेलारूस के बीच प्रवासियों को लेकर सीमा विवाद की आड़ में रूस ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी थी। बेलारूस को प्रत्यक्ष मदद देने की आड़ में रूस ने अपने सैनिकों को तैनात करना शुरू कर दिया था। मंगलवार देर रात बॉर्डर पर यूक्रेनी सैनिकों और रूस समर्थित अलगाववादियों में झड़प की खबरें हैं।
यूक्रेन संकट: पुितन और बाइडेन की वर्चुअल मीटिंग
यूक्रेन संकट के बीच मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने वर्चुअल मीटिंग की। बाइडेन ने बैठक के दौरान यूक्रेन की संप्रभुता के समर्थन को दोहराया। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की शह पर रूस के लिए सुरक्षा संबंधी चुनौतियां पेश कर रहा है।