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तीसरी लहर से कैसे निपटेंगे?:दूसरी लहर के अस्थाई अस्पताल गिरा दिए, 126 में से 92 ऑक्सीजन प्लांट ही लगे,

  • प्रदेश में कोरोना के 29 नए केस, ये 121 दिन के सर्वाधिक; तीसरी लहर की आशंका बढ़ी, इसे रोकने की तैयारियों की पड़ताल
  • 8 जिलों में पीकू वार्ड नहीं, कई जगह बेड‌्स की कमी
  • ग्राउंड रिपोर्ट, दूसरी लहर से भी नहीं लिया सबक, 6 माह बाद भी तीसरी लहर को रोकने की तैयारियां अधूरी

प्रदेश में एक बार फिर कोरोना का खतरा बढ़ने लगा है। गुरुवार को 29 नए केस मिले हैं। ये 121 दिन के सर्वाधिक हैं। गुड़गांव में सबसे ज्यादा 19 केस मिले। वहीं, नए वैरियंट ‘ओमिक्रॉन’ की भारत में भी एंट्री हो चुकी है। इसके चलते कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है। लेकिन, दूसरी लहर के तमाम सबक के बावजूद इससे निपटने के लिए हरियाणा की तैयारियां पर्याप्त नहीं दिख रही हैं।

दूसरी लहर के दौरान अप्रैल-मई में सरकार ने खास प्लान बनाया था, ताकि तीसरी लहर को रोका जा सके। इसके तहत नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने थे, बेड्स बढ़ाने थे, बच्चों के लिए विशेष इंतजाम करने थे। लेकिन, 6 माह बाद भी ये अधूरे हैं। 126 नए ऑक्सीजन प्लांट में से अब तक 92 ही लग पाए हैं। इनमें भी ज्यादातर चालू नहीं हो पाए हैं। बच्चों के लिए सिर्फ 664 वेंटिलेटर हैं। यही नहीं, दूसरी लहर में पानीपत में बना 500 बेड्स का अस्थाई अस्पताल गिरा दिया। हिसार में 500 बेड्स का अस्थाई अस्पताल आधा ही बचा है।

अभी ये व्यवस्थाएं

  • कुल वेंटिलेटर2126
  • बच्चों के लिए वेंटिलेटर664
  • ऑक्सीजन प्लांट बनने थे126
  • नए ऑक्सीजन प्लांट लगे92
  • अब कुल ऑक्सीजन प्लांट109
  • अभी ऑक्सीजन जेनरेशन लीटर/मिनट50534
  • सभी प्लांट बनने पर O2 जेनरेशन71631
  • कोरोना के लिए आईसीयू बेड5443
  • बच्चों के लिए आईसीयू बेड1839
  • कुल ऑक्सीजन बेड14938
  • बच्चों के लिए ऑक्सीजन बेड2815
  • निक्कू वार्ड में बेडों की संख्या739
  • पीकू वार्ड में बेडों की संख्या1194

बच्चों के लिए 8 जिलों में पीकू, 1 जिले में निक्कू वार्ड नहीं। 4 जिलों में ऑक्सीजन बेड भी अलग से तय नहीं।

निर्देश: टेस्टिंग 40 हजार होगी

  • कोरोना की सैंपलिंग प्रतिदिन 40 हजार करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को 31641 टेस्ट हुए।
  • विदेश से आए लोगों को ट्रेस कर घर-घर जाकर टेस्टिंग और मॉनिटरिंग की जा रही है।
  • काेरोना प्रोटोकॉल को लेकर सख्ती बरतने को कहा है। मास्क के चालान भी शुरू हो गए हैं।
  • बसों में सवारियों को लेकर फिर से बंदिशें लगाए जाने की तैयारी की जा रही है।

पानीपत: 500 बेड का अस्पताल 18 दिन चला, अब गिराया जा रहा

दूसरी लहर के आखिरी समय में पानीपत रिफाइनरी में बनाए गए 502 ऑक्सीजन बेड के गुरु तेगबहादुर कोविड संजीवनी अस्पताल से मेडिकल बेड हट चुके हैं। एसी प्लांट समेटा जा चुका है। 18.65 करोड़ रुपए में बना कोविड अस्पताल 18 दिन तक चला था, जिसमें 48 कोरोना मरीजों का इलाज हुआ। जब यह अस्पताल बना, तब भी इसकी टाइमिंग को लेकर सवाल उठे थे। क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के समय यह अस्पताल बना था। अब इसके टूटने पर भी सवाल उठ रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक डॉक्टर ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए कोई सरकारी इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।

हिसार:500 बेड का अस्पताल अब 200 बेड के साथ 31 तक चलेगा

हिसार में जिंदल मॉडर्न स्कूल में 28 करोड़ रु. की लागत से 500 बेड्स का अस्थाई अस्पताल बनाया था। यहां महज 250 मरीज उपचाराधीन रहे। नवंबर में अनुबंध खत्म होते ही डीजीएचएस के आदेश पर इसे आधा समेट दिया है। सिर्फ 200 ऑक्सीजन बेड्स के साथ 31 दिसंबर तक ए ब्लॉक की सेवाएं स्टैंडबाय मोड पर रहेंगी। सरकारी अस्पतालों को वेंटिलेटर उपलब्ध कराए थे। सिर्फ आधे वेंटिलेटर प्रयोग में लाए जा सके थे। अब 30 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। सिविल अस्पताल में बच्चों के लिए अलग से आईसीयू व एचडीयू स्थापित होना है, जिसके लिए उपकरण पहुंच चुके हैं, पर अभी रेडी टू यूज नहीं हैं।

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