गांव कोटली में अकेले रह रहे बुजुर्ग दंपति में से महिला का बीमारी की वजह से पांच दिन पहले निधन हो गया था। बुजुर्ग पति ने पत्नी के शव को घर के आंगन में ही गड्ढा खोदकर दफना दिया। मौत के 5 दिन बाद किसी पड़ोसी ने जाकर बुजुर्ग महिला के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसका तो 22 नवंबर को बीमारी की वजह से निधन हो गया था। उसे आंगन में दफना दिया है।
इस पर ग्रामीणों ने कहा कि हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार शव का दाहसंस्कार किया जाता है। इसके बाद बुजुर्ग ने गांव के सरपंच को फोन कर सूचना दी। सरपंच ने पुलिस को सूचना दी। अब पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गड्डा खुदवाकर शव को निकलवाने की बात कही है। अब रविवार सुबह गड्ढा खोदा जाएगा। ग्रामीणों के मुताबिक बुजुर्ग महिला गुड्डी देवी लंबे समय से बीमार थी। उसको टिबी की बीमारी थी। 67 वर्षीय महिला अपने पति 70 वर्षीय देवीदयाल के साथ घर में रहती थी।
बुजुर्ग दंपती घर में अकेले रहते थे, क्योंकि उनकी कोई संतान नहीं है। पड़ोसियों के साथ भी ज्यादा बातचीत नहीं थी। इसलिए गुड्डी देवी के निधन की बात उसके पति देवीदयाल ने किसी को नहीं बताई और खुद ही घर में गड्ढा खोदकर शव दफना दिया। कोटली के सरपंच देव कुमार का कहना है मौत बीमारी की वजह से हुई है। इसलिए सभी ग्रामीण चाहते हैं कि दाहसंस्कार हिंदू रीति रिवाज से हो। देवीदयाल ने खुद ही फोन करके उन्हें सूचना दी थी।
आगे-पीछे कोई नहीं है, इसलिए दफनाया
डिंग थाना के एसएचओ कश्मीर सिंह ने बताया कि ग्रामीणों व बुजुर्ग देवीदयाल से पूछताछ करने पर सामने आया है कि गुड्डी देवी का बीमारी से निधन हुआ है। देवीदयाल ने बताया कि उसके आगे-पीछे कोई संतान या रिश्तेदार नहीं है। उसको 2 दिन पहले दवाई दिलाकर लाया था। 22 नवंबर को उसका निधन हो गया। अब उसका दाह संस्कार करने वाला कोई नहीं था। यही सोचकर आंगन में शव दफना दिया। उसने खुद ही गड्डा खोदा था।