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जेईई मेन्स क्लियर कर चुके हिसार के सुरेन ने खगाेल विज्ञान,खगाेल भाैतिकी में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपियाड में जीता गाेल्ड गाेल्ड

  • यूकेजी में ही मात्र 4:22 मिनट में सभी देशों के बारे में जानकारी देकर हैरान कर देता था सुरेन
  • जीतकर सुरेन बोले- यह खुशी शब्दों में बयां नहीं की जा सकती

17 वर्षीय सुरेन ने खगाेल विज्ञान और खगाेल भाैतिकी में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपियाड में गाेल्ड जीतकर देश का नाम राेशन किया है। गणितज्ञ और कंप्यूटर साइंस में रिसर्च करने का इरादा रखने वाले सुरेन जेईई मेन्स में 20वीं और जेईई एडवांस में 19वीं रैक हासिल कर चुके हैं। सुरेन की खासियत यह थी कि वह यूकेजी में ही मात्र 4 मिनट 22 सेकंड में एक बार में वर्ल्ड के विभिन्न देशाें और उनकी राजधानी के बारे में भी जानकारी देने में माहिर रहे हैं।

यूकेजी में भी वर्ल्ड रिकाॅर्ड चैंपियनशिप के लिए किया था आवेदन

मैं हिसार के प्रेमनगर का रहना वाला हूं। मेरे पिता अजित कुमार एचएयू में सीनियर लैब असिस्टेंट हैं, जबकि मां सरिता लैब असिस्टेंट के पद पर तैनात हैं। बचपन से ही मैंने वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी शुरू कर दी थी। जब मैं यूकेजी में था ताे मात्र 4 मिनट 22 सेकंड में विश्व के विभिन्न देशाें और उनकी राजधानी की खासीयत के बारे में जानकारी देेता था। हाल ही में जेईई मैन में देशभर में 20वीं रैंक, जबकि जेईई एडवांस में 19 वीं रैंक हासिल की।

किशाेर वैज्ञानिक प्राेत्साहन याेजना में 11वीं कक्षा में देश में 21वां, जबकि 12वीं कक्षा में 24वां स्थान पाया था। 10वीं में नेशनल टैलेंट सर्च प्रतियाेगिता काे भी क्लियर कर लिया था। अब खगाेल विज्ञान और खगाेल भाैतिकी में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपियाड के लिए आवेदन किया, जिसमें मेरा सिलेक्शन कर लिया गया। 14 से 21 नवंबर तक फाइनल हुआ। अंतिम राउंड में भारत के 5 स्टूडेंट पहंुचे। ऑनलाइन माध्यम से हुए ओलिंपियाड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुझे गाेल्ड मेडल हासिल कर जाे खुशी हाे रही है, उसे बयां नहीं नहीं किया जा सका। पिता, माता और टीचराें की बदाैलत ही गाेल्ड हासिल कर सका हूं। युवाओं से अपील है कि वह किसी भी परीक्षा या कार्य काे कठिन न समझें। प्लानिंग के साथ मेहनत करें। सफलता अवश्य मिलेगी। हर राेज मैं 6 से 7 घंटे तक पढ़ाई करता हूं। दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित फिटजी सेंटर और भास्कर का भी मुझे यहां तक पहुंचाने में अहम याेगदान है। -सुरेन, अंतरराष्ट्रीय ओलिंपियाड में गाेल्ड विजेता

जानिए.. क्या है अंतरराष्ट्रीय ओलिंपियाड प्रतियोगिता

भारत सरकार द्वारा संचालित एचबीसीएसई मुंबई ने टीम का चयन िकया है। इसमें सुरेन व भारत के 4 अन्य बच्चाें ने ऑनलाइन भाग लिया था। विश्वस्तर पर 52 से अधिक देश भागीदारी करते हैं। यह ओलिंपियाड काेलंबिया की राजधानी बगाेटा में हुआ।

बेटे काे काेचिंग दिलाने दिल्ली ले जाते थे पिता

सुरेन के पिता अजित कुमार बताते हैं कि शनिवार और रविवार काे उनकी छुट्टी रहती थी। वह सुरेन काे ट्रेन और बस के माध्यम से दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित फिटजी सेंटर में काेचिंग के लिए लेकर जाते थे। बेटे ने देश का नाम राेशन किया है।​​​​​​​

भास्कर ने भी यहां तक पहुंचाने में निभाई अहम भूमिका
अजित बताते हैं- भास्कर ने भी सुरेन काे यहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। भास्कर ने जीनियस स्काॅलरशिप अवाॅर्ड्स आयाेजित किया था, जिसमें सुरेन ने दूसरा स्थान पाया था। सुरेन उस समय दूसरी कक्षा में पढ़ता था। यह वाकया 25 जुलाई 2011 है। इस पर सुरेन काे 21 हजार की राशि से सम्मानित किया गया था।

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