भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत गुरुवार देररात शताब्दी से अमृतसर जाते समय 5 मिनट के लिए अंबाला रूके। प्लेटफार्म नंबर 7 पर वह ट्रेन से नीचे नहीं उतरे, लेकिन स्टेशन पर खड़े लोगों ने उनकी पहचान करते हुए किसान जिंदाबाद के नारे लगाए। राकेश टिकैत ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सरकार धोखा करेगी, तैयार रहना। वह 10 दिन अभियान चलाएगी कि हमने कानून वापस ले लिया और किसान वापस हो जाएंगे। एमएसपी पर सरकार कुछ नहीं कर रही और जो 730 किसान शहीद हुए, उसमें कुछ नहीं करना चाहती।
केंद्र सरकार जल्दी ही सीड बिल लाने जा रही है, जो किसानों को बर्बाद करने का काम करेगा। इसके लागू होने के बाद किसान अपनी उपज से बीज खुद नहीं रख पाएगा। बड़ी-बड़ी कंपनी के हाथों में व्यवस्था चली जाएगी, जिससे छोटे व्यापारी, किसान खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएंगे। देश के हालात बहुत खराब होंगे। डेयरी पॉलिसी लाने जा रही है, जो सरासर गलत है। एमएसपी उनकी सबसे बड़ी मांग है।
किसानों की सभी मांगें पूरी न होने तक आंदोलन चलेगा। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि तैयार रहना, सरकार बहकाएगी। काले कानून व कोरोना एक जैसी बीमारी है, जो धीरे-धीरे जाएंगे। जरूरत है तो किसानों को एकजुट रहने की। चंद मिनटों के ठहराव के बाद ट्रेन अमृतसर के लिए रवाना हो गई। राकेश टिकैत ने कहा कि वह आंदोलन में शामिल होने के लिए अमृतसर जा रहे हैं। उसके बाद मुंबई आंदोलन के लिए रवाना होना है।
अंबाला पहुंचने पर राकेश टिकैत पर दर्ज हो चुका है मामला
अंबाला में गांव धुराली में भाकियू के नेता राकेश टिकैत की महापंचायत हुई थी। सैकड़ों की संख्या में किसान एकजुट हो गए थे, जिसमें न तो किसी किसान ने मास्क लगाया था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की ओर ध्यान दिया था। टिकैत ने मंच से किसानों से आंदोलन में शामिल होने की अपील भी की थी। अंबाला पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत सहित 12 अन्य किसानों पर धारा 144 के उल्लंघन व महामारी फैलाने के तहत कार्रवाई की थी। 269 और 270 के तहत मामला दर्ज हुआ था।