कुछ दिन पहले दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल की एक मेट्रो के कोच में सात लड़कियां सफर कर रही थीं। बाकी यात्रियों की तरह भी उन्होंने जैकेट और विंड ब्रेकर्स पहन रखे थे पर एक एक्ससेरी उन्हें सबसे अलग कर रही थी, वह थे उनके बालों में लगे कर्लर (रोलर)। पुराने जमाने की मानी जाने वाली ये एक्सेसरी इन दिनों सियोल और देश के सभी बड़े शहरों की लड़कियां कैफे, रेस्तरां, मेट्रो और तकरीबन सभी तरह के सार्वजनिक स्थानों पर पहने दिखाई दे रही हैं।
23 साल की कॉलेज छात्रा जंग यू वॉन रोजाना कर्लर का इस्तेमाल करती हैं। वे बताती हैं क्लास, किसी कार्यक्रम या मीटिंग में जाने से पहले परफेक्ट कर्ल बनाए रखने के लिए वे ऐसा करती हैं। पर उनकी मां उन्हें रोकती हैं, उन्हें डर है कि दूसरों को यह गलत लगेगा। वॉन कहती है कि हम दूसरों की चिंता क्यों करें।
कोई हमें बालों की स्टाइल पर जज करे, यह हमें मंजूर नहीं। बकौल वॉन हमें सिर्फ उनकी परवाह करनी चाहिए, हम जिनके सामने अच्छा दिखना चाहते हैं। दरअसल कोरिया में घुंघराले बाल रखना असभ्यता माना जाता रहा है। इसलिए बाल सीधे रखने पर जोर रहा है। पर युवा पीढ़ी इस सामाजिक सख्ती को मानने को तैयार नहीं है। उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या सोचते हैं। वे बस आजाद रहना चाहते हैं।
बुजुर्ग महिलाएं और हस्तियां भी महिलाओं को छूट देने का समर्थन कर रहीं
54 साल की किम जी-इन और उन जैसी कई महिलाएं इसे सुखद बदलाव के हिस्से के रूप में देखती हैं। वे मानती हैं कि महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सुंदरता और जेंडर संबंधी अपेक्षाओं का पालन किए बिना मन मुताबिक रहने की छूट दी जानी चाहिए। इन कहती हैं कि उनके समय में कर्लर्स या रोलर लेकर बाहर जाना अकल्पनीय था। दक्षिण कोरिया की कई हस्तियां भी इस ट्रेंड के समर्थन में सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं।