पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत का चौथा मेडल पक्का कर दिया है। उन्होंने बुधवार को 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव को हरा दिया,
इसमें कजाक पहलवान नूरीस्लाम मैच के दौरान पहलवान रवि की बाजू में दांत गड़ाते और उन्हें काटते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल मैच की शुरुआत में नूरीस्लाम ने रवि पर 10-2 की बढ़त बना ली थी। उन्हें लगने लगा था कि वे आसानी से रवि को हरा देंगे। कुछ देर बाद ही रवि ने जोरदार वापसी की और नूरीस्लाम को पटखनी दे दी। आखिरी 60 सेकेंड के मैच में रवि के दांव से घबराए नूरीस्लाम ने उनकी बाजू में दांत गड़ाने शुरू कर दिए, लेकिन रवि ने नूरीस्लाम के हारने से पहले अपना दांव ढीला नहीं पड़ने दिया। मैच खत्म होने के बाद रवि ने ये बात रेफरी को भी बताई।
नूरीस्लाम के दांत गड़ाने के बाद भी रवि ने उन्हें छोड़ा नहीं और हराकर ही दम लिया।
अगला मुकाबला आज
रवि का फाइनल मुकाबला गुरुवार को होगा, जहां रवि गोल्ड या सिल्वर के लिए दांव लगाएंगे। सेमीफाइनल में रवि एक समय 8 पॉइंट से पीछे चल रहे थे। लगा कि वे हार जाएंगे, लेकिन 1 मिनट बाकी रहते रवि ने कजाक पहलवान को चित करते हुए मुकाबले से ही बाहर कर दिया। उन्हें विक्ट्री बाय फॉल रूल से विजेता करार दिया गया।
क्या होती है विक्ट्री बाय फॉल?
रवि ने कजाक पहलवान को चित करके मुकाबला जीता। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में इसे विक्ट्री बाय फॉल कहते हैं। जब कोई पहलवान प्रतिद्वंद्वी को चित कर उसके दोनों कंधे मैट से लगा देता है तो उसे विक्ट्री बाय फॉल कहते हैं। ओलिंपिक स्तर पर खासकर सेमीफाइनल में ऐसी जीत दुर्लभ होती है। जब रवि ने नूरीस्लाम को चित किया, उस समय में वे 7-9 से पीछे थे। आधिकारिक स्कोर 7-9 ही रहा, लेकिन प्रतिद्वंद्वी को चित करने से उन्हें तत्काल जीत मिल गई।