मिक्स्ड डबल्स टीम ने पिछले हफ्ते जब टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीता तो खिलाड़ी लिउ शाइवेन की आंखें नम थीं। उन्होंने कहा,‘ऐसा लगता है कि मैंने टीम का सिर नीचा किया है, मैं सबसे माफी मांगती हूं।’ उनके पार्टनर शू शिन ने कहा,‘पूरे देश की नजर इस मैच पर थी।’ इसी तरह वेटलिफ्टर लियाओ कियुन को गोल्ड मेडल गंवाने के बाद रोते हुए देखा गया। टोक्यो ओलिंपिक में चीन के एथलीट 32 गोल्ड मेडल जीतकर टैली में शीर्ष पर हैं, इसके बावजूद खिलाड़ी देश लौटने में घबरा रहे हैं। वजह है गोल्ड मेडल जीतने के लिए राष्ट्रवादियों का भयंकर दबाव।
चीन ने टोक्यो में 431 एथलीट का अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा है। खिलाड़ियों से उम्मीद की जा रही है कि वे सभी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतें। लोगों के लिए मेडल टैली खेल की उपलब्धि से अहम हो गई है। गोल्ड मेडल न जीतने पर एथलीट सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘अति राष्ट्रवादी’ चीनियों के लिए मेडल हारने का मतलब ‘आप देशभक्त नहीं हैं।’ जापान से हार के बाद सोशल मीडिया पर चीन के लोगों ने खिलाड़ियों की जमकर आलोचना की।
कुछ यूजर ने लिखा,‘मिक्स्ड डबल्स की जोड़ी ने देश का सिर नीचा कर दिया है। मेडल गंवाया यानी देश को धोखा दिया।’ बात सिर्फ इस मैच की नहीं है। ली जुनहुई और लिउ यूचेन पर बैडमिंटन डबल्स फाइनल में ताइवान से हारने पर तंज कसा गया। यूजर्स ने लिखा,‘दोनों नींद में थे, थोड़ी भी कोशिश नहीं की।’ पहला गोल्ड मेडल जीतने वाली शार्पशूटर यांग कियान को भी नहीं बख्शा गया। उनकी पुरानी पोस्ट को निशाना बनाया गया। जिसमें वो शू कलेक्शन दिखा रही थीं।
वांग लुयाओ 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में नहीं पहुंच पाईं तो कमेंट किया,‘आपको प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा था या कमजोर दिखने के लिए? माओ का बैज पहनने पर जांच: ट्रैक साइकिलिंग में गोल्ड जीतने वाली दो खिलाड़ियों पर ओलिंपिक कमेटी ने जांच बिठा दी है। अबालोन कोरल और झोंग तियानशी ने पोडियम पर मैडल लेते वक्त चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता माओ जेडांग का बैज पहन रखा था।
राष्ट्रवादी भावनाओं का इस्तेमाल करना बाघ पर सवारी करने जैसा- विशेषज्ञ
आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी में राजनीति के विज्ञान विशेषज्ञ प्रो. जोनाथन हसीद इसके लिए ‘लिटिल पिंक्स’ को जिम्मेदार मानते हैं लिटिल पिंक्स उन चीनी युवाओं को कहते हैं जो आक्रामक होकर सोशल मीडिया पर उग्र राष्ट्रवादी बातें लिखते-बोलते हैं। हसीद कहते हैं कि चीन की कम्युुनिस्ट पार्टी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए साइबर राष्ट्रवाद का इस्तेमाल कर रही है। पर ताजा घटनाओं से पता चलता है कि एक बार लोग नाराज हो जाएं तो इन भावनाओं का नियंत्रण मुश्किल हो जाता है। राष्ट्रवादी भावनाओं का इस्तेमाल करना बाघ पर सवारी करने जैसा है, एक बार दौड़ पड़ा तो आप संभाल नहीं सकते।