ब्रिटेन में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट में बदलाव की तैयारी की जा रही है। इसके तहत सरकार को शर्मिंदा करने वाली स्टोरीज के लिए पत्रकारों को 14 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं, उनके साथ विदेशी जासूस जैसा बर्ताव किया जाएगा।
यहां की होम सेक्रेटरी प्रीति पाटिल के ऑफिस के हवाले से छपी डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी जासूसों पर नकेल कसने के लिए बनाए गए नए कानून के तहत दोषी पाए गए ऐसे पत्रकार जो लीक डॉक्यूमेंट्स को हैंडल करते हैं, वे अपना बचाव भी नहीं कर पाएंगे।
1989 में बने कानून में बदलाव
सरकार की हो रही आलोचना
आलोचकों का कहना है कि अगर यह नियम इस वक्त प्रभावी होते तो उस जर्नलिस्ट को पर मुकदमा चलाया जाता, जिसने खुलासा किया था कि हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनॉक ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। लीक सीसीटीवी फुटेज में उन्हें अपनी सहकर्मी को ऑफिस में ही किस करते देखा गया था।
उनका कहना है कि अब मामले का खुलासा लीक सीसीटीवी फुटेज के जरिए किया गया। ऐसे में इसे उजागर करने वाले पत्रकार पर कार्रवाई की जा सकती थी। इस खुलासे के बाद हैनॉक को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था और उनके पारिवारिक रिश्ते भी खराब हुए थे। मामले में सरकार की भी काफी आलोचना हुई थी।
पत्रकार संगठनों को सरकार की मंशा पर शक
सरकार का तर्क
सरकार का कहना है कि जब यह कानून बनाए गए थे, तब कम्यूनिकेशन के साधन सीमित थे। आज के समय के किसी भी तरह डेटा से पलक झपकते ही किसी भी देश की सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती दी जा सकती है। ऐसे में इनमें संसोधन जरूरी हैं।