वाहन चोर गिरोह:ट्रांसमीटर से चेक कर बगैर जीपीएस वाले वाहन करते थे चोरी, रेवाड़ी का युवक दिखाता था भागने के रास्तेसीआईए ने गिरोह के 5 गुर्गों को पकड़ा, 10 दिन में 5 चोरियां कबूलीं
एक आरोपी रेवाड़ी के तुर्कियावास, बाकी भरतपुर और अलवर के रहने वाले
अपराध अनुसंधान शाखा (सीआईए) रेवाड़ी पुलिस ने जिला में 10 दिनों के अंदर वाहन चोरी की 5 वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 11 जून की रात को पुलिस के नाइट डोमिनेशन के दौरान ही सेक्टर-4 से घर के बाहर खड़ी ब्रेजा कार को चुरा ले गए। आरोपियों ने जिला में वाहन चोरी की कुल 5 वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया है जिसमें दो कार और तीन ट्रैक्टर चुराकर यहां से ले गए।
सीआईए ने आरोपियों से चोरी की गई ब्रेजा कार के साथ एक देशी कट्टा-कारतूस के साथ 16 मास्टर चाबियों के साथ गाड़ी स्टार्ट करने के उपकरण बरामद किए हैं। आरोपियों से अन्य वारदातों के बारे में भी पुलिस पूछताछ कर रही है। मॉडल टाउन थाना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीएसपी अमित भाटिया एवं सीआईए इंचार्ज सतेंद्र सिंह ने बताया कि यह गिरोह मूलत: मेवात क्षेत्र का है।
उन्होंने बताया कि वारदात में शामिल गिरफ्तार किए गए आरोपी रेवाड़ी जिला के गांव तुर्कियावास निवासी प्रदीप सिंह, राजस्थान के जिला भरतपुर के जटवास निवासी आसम, कांबन का बास भरतपुर निवासी राहुल खान, सीकरी भरतपुर निवासी सुखजीवन और जिला अलवर के रामगढ़ चोमा निवासी जमालू है।
डीएसपी ने बताया कि शहर के सेक्टर-4 निवासी नरेंद्र यादव ने 11 जून को अपनी ब्रेजा कार घर के बाहर खड़ी की थी। अगले दिन सुबह जब उन्होंने देखा तो कार गायब मिली। तत्पश्चात मामले की शिकायत मॉडल टाउन थाना पुलिस को दी गई। इसी दौरान शहर की अन्य कॉलोनी से भी कार चोरी हुई थी। इसके अलावा 10 दिनों में गिरोह के सदस्य 3 ट्रैक्टर भी चुरा ले गए। इसके बाद मामला सीआईए को सौंपा गया।
फुटेज के बाद जोड़नी शुरू की कड़ियां
पुलिस ने बताया कि तुर्कियावास के युवक प्रदीप गिरोह के लिए काम कर रहा था। यही आरोपियों के साथ चोरी की वारदातों को अंजाम देने के साथ इन्हें सुरक्षित रास्तों से निकालता था। मामला सीआईए के पास आने के बाद अधिकारियों ने पहले सीसीटीवी फुटेज खंगाले लेकिन उससे मदद नहीं मिली। फुटेज से पता चल गया कि यह कोई मेवात क्षेत्र की गैंग है।
इस पर सीआईए टीम के अधिकारियों ने मेवात क्षेत्र से जुड़े इलाकों में जाकर पड़ताल शुरू की तो पता चला कि भरतपुर के सीकरी का रहने वाले सुखजीवन का भाई कुछ सालों तक रेवाड़ी में रहा था। उसका भाई सुखजीवन वाहन चोर गिरोह से जुड़ा हुआ है।
इसी आधार पर सीआईए ने जांच को आगे बढ़ाया तो इस गिरोह के बारे में जानकारी मिली। तत्पश्चात पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि गांव तुर्कियावास निवासी प्रदीप सिंह पुत्र महेंद्र सिंह चोर गिरोह के लिए काम करता है।
गिरोह के सदस्य तकनीकी रूप से एक्सपर्ट डीएसपी अमित भाटिया ने बताया कि गिरोह के सभी सदस्य युवा है और तकनीकी रूप से भी बड़े पारंगत है। आरोपी किसी भी चोरी की वारदात को अंजाम देने से आरएफ ट्रांसमीटर से वाहन में चेक करते कहीं जीपीएस तो नहीं लगा है। जिस वाहन में जीपीएस लगा हो उसको नही चुराते थे बल्कि बगैर जीपीएस के वाहन को चुराते थे।
बगैर जीपीएस वाहन के लॉक सिस्टम को ड्रिल मशीन से तोड़ देते थे। इसके अलावा बदमाश ब्रेकिंग डिवाइस सिस्टम भी रखते थे जिससे कुछ ही मिनटों में हैंडल का लॉक भी तोड़ देते थे। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने शहर से दो कार के अलावा तीन ट्रैक्टर चोरी करना स्वीकार किया है।
इसके अलावा दो कार पटौदी से और एक कार दिल्ली से चोरी करना स्वीकार किया है। आरोपियों को आगामी पूछताछ के लिए सीआईए ने 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।