बॉर्डर खुलवाने को बीएफपीए का पीएम को पत्र:पांच हजार उद्योगपतियों ने लिखा- बहादुरगढ़ की फैक्ट्रियां बचा लो सरकारटिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का दंश झेल रहीं हजारों छोटी-बड़ी इंडस्ट्रीज के संचालक एकजुट हो गए हैं। गुरुवार को बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन (बीएफपीए), बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री व पांच हजार छोटी-बड़ी फैक्ट्री के संचालकों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मुख्य रूप से टिकरी बॉर्डर खुलवाने की मांग रखी है।
पत्र में लिखा है- ‘प्रधानमंत्री जी, बहादुरगढ़ की फैक्ट्रियों को बचा लो। यहां हजारों फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं और बंद भी होने जा रही हैं।’ बीएफपीए के वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिक्कारा ने कहा- ‘यहां फुटवियर का बड़े स्तर पर प्रोडक्शन होता है। लेकिन, सात माह में अब तक 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
अगर कोई कदम नहीं उठाया तो फैक्ट्रियों को उबरने में करीब 10 साल से अधिक का समय लग जाएगा। अब लेबर आने लगी हैं, कम से कम से एक साइड की सड़क खोल दी जाए।’ वहीं, भारतीय किसान यूनियन की तरफ से टिकरी बॉर्डर पर प्रधान प्रगट सिंह ने कहा, रास्ता पुलिस ने बंद किया है। दिल्ली पुलिस चाहे तो एक रास्ता खोल दे। हमें कोई आपत्ति नहीं है।
श्रमिकों काे खाने, रहने व इलाज का भरोसा दे रहे
फैक्ट्री संचालक कामगारों को खाने, रहने और बीमार होने पर इलाज कराने का भरोसा देकर वापस बुला रहे हैं। काम पर लौटने के लिए मोटिवेट किया जा रहा है। गोंडा के अतुल श्रीवास्तव ने कहा, ‘कई सालाें से फुटवियर पार्क में काम रहा हूं। लॉकडाउन में वापस घर लौट गया था। फैक्ट्री मालिक ने पूरा भरोसा दिया है कि वह हमारी हर जरूरत का ख्याल रखेंगे। इसके बाद ही मेरी तरह सैकड़ों कामगार वापस आने लगे हैं।’
सरकार-किसान के बीच इंडस्ट्री को क्यों पीसा जा रहा
बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन उप प्रधान विकास सोनी ने कहा कि किसानों को हटाना सरकार व किसानों का आपसी मसला है। इसमें व्यापारियों को क्यों पीसा जा रहा है। अभी भी समय है स्थिति सामान्य की जाए। कोरोना कम होने से संचालकों व कारीगरों दोनों को राहत मिली है। अब सीजन शुरू हो गया है, हजारों श्रमिक वापस आ गए हैं। ऐसे में नुकसान को कम होने की उम्मीद जागी।