बंगाल हिंसा में सुप्रीम कोर्ट का दखल:केंद्र, बंगाल सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस; हिंदुओं पर हमले से जुड़े मामलों पर देना होगा जवाबबंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा में अब सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल दिया है। कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार, बंगाल सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है। ये नोटिस हिंदुओं पर हमले से जुड़ी दो याचिकाओं पर भेजे गए हैं। याचिकाओं में चुनाव बाद हिंसा की वजहों और कारण तलाशने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की जांच की मांग की गई है।
इन 2 याचिकाओं पर भेजा नोटिस
पहली याचिका: इसमें कहा गया है कि चुनावों के बाद बंगाल के हजारों हिंदुओं को भाजपा का समर्थन करने की वजह से मुस्लिमों ने निशाना बनाया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस याचिका में कहा गया है कि इस हमले की वजह हिंदुओं को कुचलना था ताकि आने वाले सालों में भी बंगाल में दूसरे वर्ग की पसंद वाली सरकार बने।
दूसरी याचिका: इसमें कहा गया है कि चुनावों के बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं ने अराजकता, अस्थिरता पैदा कर दी। इन्होंने हिंदुओं के घरों को जला दिया और लूटपाट की। इसके पीछे सामान्य सी वजह थी कि इन लोगों ने भाजपा का समर्थन किया था।
जांच करने गई मानवाधिकार टीम पर हमला हुआ था
चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की जांच के लिए 29 जून को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम बंगाल पहुंची थी। जांच टीम के सदस्य आतिफ रशीद ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि यहां 40 से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है। इसी दौरान हम पर गुंडों ने हमला कर दिया। पुलिस पर भी हमला किया। हमें भगाने की कोशिश की। ये हमारा हाल है, तो आम आदमी का क्या होगा। हमने लोकल पुलिस को अपने आने की जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस नहीं आई। ये बहुत अफसोस की बात है।
भाजपा का आरोप- हमारे 1298 वर्कर्स पर हमला हुआ
29 जून को ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में हमारे 1298 कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ है। 1399 प्रॉपर्टी को उजाड़ा गया। 108 परिवारों को धमकाया गया। 2,067 शिकायतें हमने चुनाव आयोग में दर्ज कराईं। पुलिस के पास भी हिंसा से जुड़ी 5,650 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल में 2 मई यानी चुनावी नतीजों के बाद कई जगहों पर हिंसा हुई। तृणमूल और भाजपा वर्कर्स के बीच झड़पें हुईं। इस दौरान करीब 16 लोग मारे गए। इस हिंसा की वजह से बंगाल में पलायन भी शुरू हुआ।