दुर्गती:2020 में सील किए हाफिजाबादी क्लब का ~1.44 लाख जमा करा खोला था गेटएडीए, रेंट क्लर्क और सुपरिंटेंडेंट की गलतियों से निगम की फजीहत, वापस करेंगे राशि
किला स्थित हाफिजाबादी रामलीला क्लब का ड्राईक्लीनिंग सेंटर से जुड़ा गेट खोलने का मामला सोमवार को छाया रहा। एडीए (कोर्ट में पैरवी करने वाले वकील), रेंट क्लर्क और सुपरिंटेंडेंट की गलती से नगर निगम की खूब फजीहत हुई। क्लब में ड्राईक्लीनिंग सेंटर चलाने वाले सुरेंद्र चौहान से 1.44 लाख रुपए (जनवरी 2020 से जून 2021 तक का रेंट) जमा कराकर निगम ने शुक्रवार शाम 3:30 बजे क्लब का सेंटर से जुड़ा गेट खोल दिया था। अब जब निगम को गलती का अहसास हुआ तो 77 घंटे बाद ही सोमवार रात 8:30 बजे फिर से क्लब सील कर दिया गया।
पहले तो रेस्ट हाउस में हुई मीटिंग में मेयर अवनीत कौर, विधायक प्रमोद विज और सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट ने निगम अफसरों को जमकर कोसा। इसके बाद रात 8:30 बजे निगम के एक्सईएन प्रदीप कल्याण, जेई अजय छौक्कर, रेंट सुपरिंटेंडेंट धर्मबीर और रेंट क्लर्क सोनू की टीम ने क्लब का ड्राईक्लीनिंग सेंटर से जुड़ा गेट फिर से सील कर दिया। मेयर अवनीत कौर ने कहा कि रेंट से जुड़े निगम कर्मचारियों की गलती से ही यह सब हुआ है। अब जिला अटॉर्नी से इस बारे में कानूनी सलाह लेंगे। अगर कर्मचारियों की गलती सामने आई तो कार्रवाई की जाएगी। मीटिंग में भट्ट ने रेंट क्लर्क सोनू को सस्पेंड करने की बात कही।
समझिए, सोमवार को क्या-क्या हुआ
किला वासी सुशील भराड़ा, क्लब से जुड़े अजय आदि मेयर अवनीत कौर और सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट से मिले। फिर शहरी विधायक प्रमोद विज को निगम की गलतियों के बारे में बताया। इसके बाद रेस्ट हाउस में कमिश्नर आरके सिंह व अन्य अफसरों के साथ विधायक, मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर ने मीटिंग की। तय हुआ कि निगम रेंट की राशि वापस करके फिर से क्लब को सील कर देगा।
मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर की नजर में निगम की गलतियां
निगम ने 1979 में हाफिजाबादी रामलीला क्लब को 17 रुपए सालाना के हिसाब से रेंट पर 5000 वर्ग गज एरिया दिया था। क्लब से जुड़े पदाधिकारियों ने मुनाफा कमाने के लिए ड्राईक्लीनिंग सेंटर चलाने 2015 में 6000 रुपए महीना के रेंट पर सुरेंद्र चौहान को एक कमरा दे दिया। नियम के तहत क्लब वाले किसी दूसरे को रेंट पर नहीं दे सकते थे। क्लब सील हुआ तो सुरेंद्र कोर्ट चला गया। उसकी याचिका पर कोर्ट ने निगम में रेंट जमा कराने को कहा। यहां पर एडीए ने निगम का पक्ष ठीक से नहीं रखा। सीनियर डिप्टी मेयर ने कहा कि एडीए को कहना चाहिए कि सुरेंद्र तो निगम का किराएदार है ही नहीं तो किस तरह से रेंट ले लें, लेकिन सांठगांठ कर रेंट जमा करवा लिया गया।
धार्मिक स्थान को हाउस टैक्स से छूट है
2020 में निगम ने क्लब के नाम से 17.15 लाख का हाउस टैक्स नोटिस देकर क्लब को सील किया था। मेयर ने कहा कि यह तो निगम की जमीन है। दूसरा कि क्लब के अंदर मंदिर भी है। चूंकि, धार्मिक स्थान को हाउस टैक्स से छूट है। लिहाजा नोटिस देना व फिर सील करना ही गलत था। क्योंकि निगम अपनी जमीन के लिए ही हाउस टैक्स कैसे लगा सकता है और सील क्यों करेगा। उसे तो कब्जा लेना चाहिए। 5000 वर्ग गज एरिया पर क्लब से जुड़े लोगों की कब्जा करने की नीयत है। इसलिए, निगम चाहता है कि पूरी जमीन ही कब्जा ली जाए। ऐसे में अगर ड्राईक्लीनर काे रेंट के रूप में स्वीकार कर लें तो निगम का केस कमजोर हो जाएगा। इसलिए, फिर से सील किया गया है।
नए नियमों से देंगे रेंट पर : भट्ट
सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट ने कहा कि सबसे पहले तो कोर्ट में बताएंगे कि जमीन निगम की है। इसलिए, जमीन पर कब्जा लेकर नए सिरे से नए नियमों के तहत रेंट पर देना होगा तो रेंट पर देंगे।
निगम की जमीन है : कमिश्नर
निगम कमिश्नर आरके सिंह ने इस पूरे विवाद पर कहा कि सबसे पहले जमीन पर कब्जा करने का प्रयास है। इसलिए रेंट वापस करके क्लब को सील करवा रहे हैं। अगर किसी कर्मचारी ने गलती की है तो उसकी भी जांच होगी।
हमें सूचना तक नहीं दी : सुरेंद्र
ड्राईक्लीनिंग सेंटर चलाने वाले सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मेरे साथ मजाक किया गया है। निगम ने हमें सूचना तक नहीं दी। दूसरी बात कि कोर्ट के आदेश पर ही रेंट जमा कराया था। सुरेंद्र ने कहा कि वह फिर से कोर्ट जाएंगे।