किताबों के साथ सिस्टम की आंखों पर भी धूल:सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी की लगभग 90 हजार किताबों पर 3 साल से जम रही धूल की परतहम किताबें है। पिछले 2 सालाें से हम किसी पाठक के इंतजार में रैक में पड़ी हुई धूल फांक रही हैं। धूल-मिट्टी इतनी जम गई है कि काेई साफ करने वाला ही नहीं….। अगर किताबें बाेल सकती ताे उनकी ऐसी ही व्यथा हाेती। ये हालात सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी की है। अगस्त 2018 में स्टाफ राेड पर स्थित लाइब्रेरी काे लघु सचिवालय के निर्माण के दाैरान रुक्मणी देवी हाॅल में शिफ्ट कर दिया था।
इन किताबों के लिए नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। 2018 में लाइब्रेरी के स्थान पर मिनी सचिवालय का निर्माण हाेना शुरू हुआ था। इसी सचिवालय में आधुनिक सुविधाओं से युक्त लाइब्रेरी की बिल्डिंग का काम भी चल रहा है। कंट्रोलर व डीडीओ अनिल जाेशी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के अनुसार 30 जून तक बिल्डिंग बनकर तैयार हाेने की उम्मीद हैं।
बिल्डिंग बनने के बाद ही लाइब्रेरी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम शुरू किया जाएगा। अभी रुक्मणी देवी हाॅल की बिल्डिंग में किताबों काे रखा हुअा है। इसमें लड़कियों के लिए रीडिंग रूम भी बना हुआ है और बीसी बाजार में लड़कों के लिए रीडिंग रूम बना हुआ है।
1957 में बनाई थी डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी, 1967 में सेंट्रल बनी
लाइब्रेरी इंचार्ज गुरजीत काैर ने बताया कि लगभग 1957 में डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी का निर्माण किया था। 1967 में इसे सेेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी में तबदील किया गया। एक वक्त था जब इसकी मेंबरशिप फीस 20 रुपए होती थी। अब 510 रुपए सिक्योरिटी के रूप में मेंबर काे जमा करवाने हाेते हैं। इसमें से 500 रुपए रिफंडेबल है और 10 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस है।
8 हजार से ज्यादा मेंबर्स
1957 से चल रही इस लाइब्रेरी में अब 89884 जर्नल, धार्मिक, राजनीतिक, लेखकाें की, राजनीतिक, पत्रिकाएं आदि किताबें हैं। इस लाइब्रेरी के 8604 मेंबर्स हैं।
लाइब्रेरी में काेलकाता के राजा राम माेहन राय फाउंडेशन से, हिंदी साहित्य अकादमी, पंजाबी साहित्य अकादमी से बुक्स आती हैं।
नया रूप देंगे : जोशी
कंट्रोलर व डीडीओ अनिल जाेशी ने बताया कि लाइब्रेरी की बिल्डिंग के निर्माण के बाद इसके इंफ्रास्ट्रक्चर काम पर किया जाएगा। पुस्तकों के बेहतर रखरखाव के साथ-साथ ई-लाइब्रेरी की सुविधा भी लोगों को मिलेगी। चिल्ड्रन, बुजुर्गों व किताबाें के विषयाें के साथ-साथ अलग कॉर्नर बनाए जाएंगे।
पुस्तकों पर महान लोगों के विचार
‘याद रखिए: एक किताब, एक कलम, एक बच्चा और एक शिक्षक दुनिया बदल सकते हैं।’ –मलाला युसफजई
किताबें जलाने से भी बड़े कई अपराध हैं। उनमें से एक है उन्हें नहीं पढ़ना।’ –जोसफ ब्रॉड्स्की
एक चीज जो आपको बिल्कुल सही-सही जाननी चाहिए वह है लाइब्रेरी का पता।’ –अल्बर्ट आइंसटाइन
किताबें आदमी को यह दिखती हैं उसके मूल विचार बिल्कुल नए नहीं हैं। -अब्राहम लिंकन