मोदी ने कहा:खेतीबाड़ी का काम करते-करते मनीष को बॉक्सिंग का शौक हुआ, जो उसे टोक्यो लेकर जा रहा हैस्कूल की छुट्टी के बाद हर दिन गांव से 7 किलोमीटर दूर भिवानी के स्टेडियम में बॉक्सिंग प्रैक्टिस में पसीना बहाने वाले मनीष का जिक्र आज पूरे देश में हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भिवानी के देवसर गांव के इस बेटे का जिक्र मन की बात में किया। किसान परिवार में जन्मे मनीष का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा ‘उनको खेतीबाड़ी करते-करते बॉक्सिंग का शौक हुआ और वही शौक आज उनको टोक्यो लेकर जा रहा है।
’ बॉक्सिंग खिलाड़ियों के लिए प्रसिद्ध मिनी क्यूबा के नाम से पहचान बनाने वाले भिवानी के लिए ये बड़ी बात है। मोदी ने छोटे शहरों, कस्बों, गांवों से निकलकर आए खिलाड़ियों के बारे में भी बताया। जैसे- तीरंदाजी में प्रवीण जाधव, दीपिका कुमारी, हॉकी में नेहा गोयल आदि। पीएम देशभर से आईं कुछ चिट्ठियों व संदेशों को भी पढ़कर सुनाया।
परिजनों ने कहा- मनीष पर गोल्ड लाने का पूरा भरोसा
मनीष के पिता सोमदत्त किसान हैं व बड़े भाई विपिन भी उनके काम में उनका हाथ बंटाते हैं। स्क्रीन के सामने प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को देख रहे सोमदत्त, विपिन व छोटी बहन प्रीति ने बताया कि आज मन की बात में जब प्रधानमंत्री ने मनीष का जिक्र किया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। करोड़ों देशवासियों की दुआ से उनको पूरी उम्मीद है कि मनीष ओलंपिक में जरूर गोल्ड मेडल देश की झोली में डालेगा।
जितेंद्र-बिजेंद्र को देख तो चढ़ा जुनून
भिवानी के ओलिंपियन बिजेंद्र व देवसर गांव के बॉक्सर जितेंद्र की लोकप्रियता को देखकर मनीष पर बॉक्सिंग का जुनून सवार हो गया। यह बात साल 2008 की है। मनीष उस समय छठी कक्षा का छात्र था। दोपहर साढ़े 3 बजे स्कूल की छुट्टी होते ही वह बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करने के लिए साइकिल पर भिवानी के भीम स्टेडियम पहुंचता।
अभ्यास में इतना खो जाता कि प्रैक्टिस के बाद दिन छिपने के बाद ही घर लौटता। करीब 2 साल ऐसा कड़ा परिश्रम किया जिसका फल भी उसे मिला। 2010 में उनका सिलेक्शन साई में हो गया। फिर हॉस्टल में रहकर बॉक्सिंग प्रैक्टिस करने लगा गया। लगातार बेहतर प्रदर्शन और फिटनेस के बल पर 2016 में उसने सेना जॉइन की।