प्राइवेट स्कूल मालिकों की चिंता:हरियाणा के फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल सदस्याें ने कहा सरकार उन पर आफत बन कर टूट रहीएसएलसी के बगैर सरकारी स्कूलों में एडमिशन हो रही
हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों की ओर से कहा जा रहा है कि सरकार उनके साथ गलत रवैया कर रही है जिससे उनके सामने विपरीत परिस्थितियां पैदा हो गई है। फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूलों के सदस्यों की ओर से आज चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस की गई। जिसमें बताया गया कि 15 महीने से प्राइवेट स्कूल कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे है, हरियाणा सरकार उनके लिए कोई राहत भरा ऐलान करेगी लेकिन सरकार और शिक्षा विभाग आफत बन कर टूट पड़ी है।
फेडरेशन के कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार गैर कानूनी कार्यवाही कर रही है। कानून में यह प्रावधान है कि किसी भी स्टूडेंट को स्कूल बदलने पर पहले वाले स्कूल से सर्टिफिकेट लेनी होती है, लेकिन सरकार के समर्थन से सरकारी स्कूल बिना सर्टिफिकेट के स्टूडेंट को अपने पास दाखिला दे रहे है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल मालिकों को सरकार से विश्वास उठ गया है।
इसके अलावा हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों की 134-ए पेंडिंग राशि का तत्काल प्रभाव से जारी की जाए। एसोसिएशन के स्टेट जनरल सेक्रेटरी बलदेव सैनी और वरूण जैन ने कहा कि अब काेरोना का प्रभाव स्टेट में कम हो रहा है, ऐसे में अब सरकार को तेलंगाना और यूपी की तर्ज पर बंद पड़े स्कूलों को सरकार को सुरक्षित गाइडलाइन बनाकर खोलने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्टेट में 7 हजार से ज्यादा अभिभावकों ने स्कूलों को खोलने और बच्चों की पढ़ाई खराब होने के बारे बताया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को प्राइवेट स्कूलों की परेशानियों को समझना चाहिए और उसे खत्म करने का प्रयास करना चाहिए।