कुमारी सैलजा ने कहा:सरकार के फैसले का सीधा असर किसानों पर पड़ेगाप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार द्वारा धान खरीद पर मार्केट फीस बढ़ाने के फैसले से इसकी सीधी मार किसानों पर पड़ेगी। बारीक धान की खरीद पर सरकार ने मार्केट फीस जो पहले 0.5 प्रतिशत थी, उसे डेढ़ प्रतिशत बढ़ाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। अब बारीक धान खरीदने वालों को दो प्रतिशत मार्केट फीस और 0.5 प्रतिशत एचआरडीएफ शुल्क की अदायगी करनी होगी।
इसके अलावा एचआरडीएफ को भी डेढ़ प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इससे कुल शुल्क 4 प्रतिशत हो जाएगा। इधर, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी मंडी और एचआरडीएफ फीस में की गई बढ़ोत्तरी का विरोध किया है। कांग्रेस सरकार के समय फल-सब्जियों पर मंडी फीस को शून्य कर दिया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने पिछले लॉकडाउन के दौरान इसे बढ़ाकर दो फीसदी कर दिया।
किसानों और व्यापारियों पर एक और मार मारते हुए अब सरकार ने मंडी और एचआरडीएफ फीस को एक फीसदी से बढ़ाकर सीधे चार फीसदी कर दिया। हुड्डा ने कहा कि मंडी फीस का आखिरकार अप्रत्यक्ष तौर पर असर किसानों पर ही पड़ता है।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने धान पर मार्केट फीस की बढ़ोतरी को किसान विरोधी बताते हुए सरकार से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्रदेश में 42.5 लाख मीट्रिक टन बासमती और 1509 धान हुआ, जबकि 56 लाख मीट्रिक टन परमल हुआ, अब मार्केट फीस और एचआरडीएफ बढ़ाने से किसानों के अलावा मंडी के आढ़तियों, मुनीमों, मजदूरों और राइस मिलर्स सभी पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा, पर स्वाभाविक रूप से इस फैसले का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव किसानों पर पड़ेगा।