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हरियाणा का परिणाम हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के फाॅर्मूले को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिली

12वीं के नतीजे:30:10:60 फाॅर्मूला, सीबीएसई से बेहतर होगा हरियाणा का परिणामहरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के फाॅर्मूले को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिली
बोर्ड का मकसद- हरियाणा के बच्चे कहीं ना पिछड़ें; 12वीं में सीबीएसई से ज्यादा अंक मिले तो डीयू-चंडीगढ़ में दाखिला लेने वालों को फायदा होगा
12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा तय फाॅर्मूले को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी। कोर्ट ने सभी राज्यों को 31 जुलाई से पहले रिजल्ट जारी करने को कहा है। हरियाणा बोर्ड ने रिजल्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई से अलग फाॅर्मूला दिया था। यह 30:10:60 का फाॅर्मूला है।

यानी 10वीं के रिजल्ट पर 30%, 11वीं के रिजल्ट पर 10% और 12वीं के इंटरनल असेसमेंट पर 60% वेटेज मिलेगी। इससे हरियाणा का रिजल्ट इस बार सीबीएसई के स्कूलों से बेहतर रहेगा। पास होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ेगी और प्राप्तांक भी सीबीएसई से ज्यादा रहेंगे। हरियाणा बोर्ड की 14 सदस्यीय कमेटी ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर यह फाॅर्मूला तैयार किया है।अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे मंजूरी दे दी है। जल्द ही कमेटी की फिर से बैठक बुलाकर इसके नियम फाइनल किए जाएंगे और रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक का समय दिया है, लेकिन हरियाणा में रिजल्ट उससे पहले ही जारी कर दिया जाएगा।फेल होने वाले बच्चे कम्पार्टमेंट की श्रेणी में रहेंगे

रिजल्ट का फाॅर्मूला कैसे तैयार हुआ?
फाॅर्मूला तय करने के लिए 14 सदस्यीय कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें 2 वाइस चांसलर, 1 रजिस्ट्रार समेत एचसीईआरटी, निदेशालय, एनआईएस और सीबीएसई से एक-एक प्रतिनिधि शामिल था।

इस फॉर्मूले के पीछे मूल विचार क्या रहा?
कोरोना के कारण परीक्षाएं नहीं हुईं। ऐसे में नहीं चाहते कि हरियाणा के बच्चे देश के किसी भी राज्य के बच्चों से किसी प्रक्रिया में पिछड़ें। इसलिए बेहतर परिणाम देने के लिए यह फाॅर्मूला तैयार किया है।

इसमें सीबीएसई से क्या अलग है?
सीबीएसई ने 11वीं के रिजल्ट पर 30% वेटेज दी है, लेकिन हमने 10% रखी है। 12वीं के इंटरनल असेसमेंट पर वेटेज बढ़ाकर 60% रखी है।

वेटेज में बदलाव का फायदा क्या मिलेगा?
11वीं कक्षा को बच्चे गंभीरता से नहीं लेते। कई जगह तो 12वीं का ही सिलेबस पढ़ाया जाता है। पिछले साल भी कोरोना था और परीक्षा पूरी नहीं हो पाई थी। ऐसे में 11वीं की ज्यादा वेटेज का फायदा नहीं। 12वीं की वेटेज बढ़ने से रिजल्ट बेहतर होगा।

सीबीएसई की तुलना में परिणाम कितना बेहतर होगा?
सीबीएसई के मुकाबले हरियाणा के बच्चे इस बार ज्यादा पास होंगे। सीबीएसई के फाॅर्मूले की तुलना में बच्चों को 15 से 17 अंक ज्यादा मिल सकते हैं।

ज्यादा अंक देने का फाॅर्मूला क्यों तैयार किया गया?
मार्कशीट केवल एक साल के लिए नहीं, बल्कि जीवनभर काम आती है। इससे हर तरह की प्रतियोगिता में हरियाणा के बच्चे आगे खड़े हो पाएंगे। दिल्ली यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ में हरियाणा से बड़ी संख्या में बच्चे एडमिशन लेने जाते हैं। इन्हें फायदा मिलेगा।

10वीं और 12वीं के विषय तो अलग-अलग होते हैं, ऐसे में वेटेज कैसे मिलेगी?
10वीं और 11वीं की वेटेज कुल अंक के औसत आधार पर मिलेगी और 12वीं के हर विषय में जुड़ेगी। यानी 12वीं की मार्कशीट में पहले की ही तरह विषय आधारित अंक भी लिखे जाएंगे।

रिजल्ट कब तक आएगा और प्रक्रिया क्या रहेगी?

अगले सप्ताह कमेटी की फिर से बैठक बुलाकर फाॅर्मूले पर अंतिम मोहर लगवाएंगे। इसके बाद तय करेंगे कि रिजल्ट किस तरह तैयार करना है। स्कूलों में कमेटी बनाएंगे या किसी की जिम्मेदारी कैसे लगानी है, वो सब अगले एक सप्ताह में तय करेंगे। जुलाई के मध्य तक रिजल्ट जारी कर सकते हैं।

जो बच्चे रिजल्ट से खुश नहीं वो क्या करें?
जो बच्चे फेल होंगे, उन्हें कम्पार्टमेंट की श्रेणी में रखेंगे और वो परीक्षा दे सकेंगे। जो बच्चे रिजल्ट से खुश नहीं होंगे, वो माहौल ठीक होने पर परीक्षा दे सकते हैं। फिर अंक अंतिम माने जाएंगे।

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