एक साल की बच्ची के पेट में मिला भ्रूण:रांची में बच्ची के पेट में भ्रूण का पता सोनोग्राफी,
June 25, 2021
UP पर मंडराया डेल्टा प्लस वेरिएंट का खतरा:नागपुर से लखनऊ पहुंचा यात्री कोरोना पॉजिटिव निकला,
June 25, 2021

नेहरू से मोदी तक प्रधानमंत्रियों ने अमन बहाली की कोशिश की; भाजपा PDP के साथ गठबंधन कर पहली बार सत्ता में आई

नेहरू से मोदी तक प्रधानमंत्रियों ने अमन बहाली की कोशिश की; भाजपा PDP के साथ गठबंधन कर पहली बार सत्ता में आईजम्मू कश्मीर देश की आजादी के बाद से ही विवादों के साये में रहा है। भारत-पाकिस्तान के बीच पहले युद्ध की वजह बना यह विवाद सियासी न रहकर एक समय बाद आतंकवाद की राह पर चला गया। इस दौरान दिल्ली से रिश्ते सुधारने की कोशिशें चलती रहीं।

हर सरकार जम्मू-कश्मीर को खास तवज्जो देती रही ताकि अलगाववादी अपनी जड़ें न फैला सकें। इसके बावजूद दिलों की दूरियां अब भी कायम हैं। फोटोज में देखिए दिल्ली और कश्मीर के नेताओं ने कब-कब सुलह की गंभीर कोशिशें कींशेख मोहम्मद अब्दुल्ला को कश्मीर का सबसे बड़े नेता कहा जाता था। 1953 में जम्मू-कश्मीर की सत्ता से हटाए जाने के करीब 22 साल बाद अब्दुल्ला 1975 में मुख्यमंत्री बने थे। शेख अब्दुल्ला को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का समर्थन हासिल था। इसके बावजूद कश्मीर कॉन्सपिरेसी केस में शेख अब्दुल्ला को प्रधानमंत्री पद से हटाने के बाद 11 साल तक जेल में बंद रखा गया। अब्दुल्ला ने आरोप लगाया था कि उनकी बर्खास्तगी के पीछे जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का हाथ है।बख्शी गुलाम मोहम्मद 1953 से 1964 तक जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री रहे थे। मार्च 1965 में प्रधानमंत्री पद खत्म होने के बाद जीएम सादिक जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बनाए गए थे।13 नवंबर 1988 की जनसभा के दौरान वीपी सिंह ने मुफ्ती मोहम्मद सईद (बाएं) और दूसरे स्थानीय नेताओं के साथ जन मोर्चा (पीपुल्स फ्रंट) नाम की एक नई राजनीतिक पार्टी शुरू की। सईद 1987 में विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाले जनमोर्चा में शामिल हो गए थे। वीपी सिंह ने उन्हें अपनी सरकार में गृहमंत्री भी बनाया था। 1989 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।वाजपेयी ने हुर्रियत के साथ बिना शर्त बातचीत की पेशकश कर कश्मीर मसले को सुलझाने की कोशिश की थी। वाजपेयी ने इससे पहले अलगाववादी नेता शब्बीर शाह से मार्च 1995 में संसद भवन में मुलाकात की थी। तब वाजपेयी ने कश्मीर की समस्या हल करने की जरूरत बताई थी।7 जनवरी 2016 को मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के ढाई महीने के बाद 4 अप्रैल 2016 को महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। शुरुआत में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके अच्छे संबंध रहे, लेकिन 2018 में भाजपा से गठबंधन टूट गया। गठबंधन टूटने के बाद महबूबा ने कहा था कि हमें मालूम था कि यह कदम आत्मघाती होगा। उसके बावजूद हमने सब कुछ दांव पर लगा दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES