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सुविधाओं की किल्लत:पीपीई किट नहीं हाेने सेे दाेपहर बाद बंद हुए संस्कार,

सुविधाओं की किल्लत:पीपीई किट नहीं हाेने सेे दाेपहर बाद बंद हुए संस्कार, समाजसेवियाें ने किट दे शुरू करवाएबड़ा सवाल – जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के कारण ऑक्सीजन की किल्लत के बाद अाया पीपीई किट संकट
एक किट काे पहनकर 4-4 संस्कार कर रहे हैं चमन, विक्रम व कपिल, इसलिए इनके भी शरीर संक्रमित हाेने का खतरा
स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम काेराेना मृतकाें का संस्कार करने वाली टीम काे पीपीई किट समेत अन्य जरूरी सुविधाएं नहीं दे रहा है। यह बड़ा सवाल खड़ा हाे गया है कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के कारण ऑक्सीजन की किल्लत के बाद नया पीपीई किट संकट खड़ा हाे गया है।

इससे निस्वार्थ भाव से काम कर रहे चमन, विक्रम व कपिल के खुद के शरीर संक्रमित हाेने का खतरा बढ़ रहा है। गुरुवार दाेपहर ताे इसलिए दाह संस्कार ही इन्हें मजबूरी में बंद करने पड़े। समाजसेवियाें काे इस बात का पता चला ताे उन्हाेंने खुद पीपीई किट समेत अन्य जरूरी सामान देकर दाह संस्कार के काम काे शुरू कराया।

समाजसेवी आगे आ बढ़ाए सहयाेग के लिए हाथ

जैसे ही शहर में यह बात फैली ताे कई संगठन सहयाेग काे आगे आ गए। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सेंट्रल बैंक ने निभाई। बैंक ने सबसे पहले निगम की टीम काे बुलाकर 25 पीपीई किट दी। इसके बाद समाजसेवी राजू चावला ने भी 25 पीपीई किट दी।

समाजसेवी एवं उद्यमी राकेश चुघ व पूर्व पार्षद अशाेक नारंग ने 10 पीपीई किट भेंट की। उद्यमी राकेश चुघ ने कहा कि अब काेई और बेशक से सहयाेग न करें। वह हर राेज टीम काे जरूरत के हिसाब से पर्याप्त पीपीई किट देंगे।

बेबस परिवाराें का भी दुख समझे प्रशासन और सरकार

दिल्ली निवासी संदीप जैन काेविड में जान गंवाने वाली अपनी 67 वर्षीय मां सरला का अंतिम संस्कार करने आया था। संस्कार प्रक्रिया पूरी करने नहाया ताे इसी दाैरान जीटी राेड स्थित निजी अस्पताल में दाखिल उनके पिता के साथ रह रहे अन्य परिजनाें का फाेन आया कि पिता की हालत भी नाजुक हाे चुकी है।

संदीप ने बताया कि पिता व भाई की हालत भी नाजुक है। वहीं, 33 वर्षीय ऋषि जैन की भी काेविड के कारण माैत हाे गई। उसके संस्कार में शामिल पानीपत निवासी उद्यमी अतुल जैन ने बताया कि यह सुनकर उन्हें बहुत हैरानी हुई कि दाह संस्कार करने वाले इन वीराें के पास पीपीई किट ही नहीं हैं। उन्हाेंने खुद अपने पैसों से किट मंगवाकर जानकार का संस्कार करवाया।

पता चलते ही उपलब्ध करवाई पीपीई किट : सीएसआई

जैसे ही यह बात पता चली कि काेविड मृतकाें का संस्कार करने वाली टीम के पास पीपीई किट नहीं है ताे उन्हाेंने सेंट्रल बैंक व सेवियाें से सहयाेग मांगा। सेंट्रल बैंक प्रबंधन ने तुरंत 25 किट दिलवाई। साथ ही 25 और देने का भराेसा दिलाया। समाज सेवी राजू ने भी 25 किट दी।

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