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जन संकल्प से हारेगा कोरोना:परिवार में 6 लोगों को हुआ कोरोना, रोज शाम 1 घंटे ठहाके

जन संकल्प से हारेगा कोरोना:परिवार में 6 लोगों को हुआ कोरोना, रोज शाम 1 घंटे ठहाके लगा जीत गए जंगगंभीर कोरोना संक्रमण होने के बावजूद अपनी इच्छाशक्ति से कोरोना को हराने वालों की जांबाज कहानियां
पढ़िए आज चौथी कड़ी- सराय मोहल्ले के जुनेजा परिवार की एकता और हौसले के जज्बे से हार गया काेरोना…
परिवार का समर्पण और संस्कार ही जीवन की हर सफलता का सूत्र होता है। काेरोना पर जीत में सराय मोहल्ला के जुनेजा परिवार का ये हौसला और जीत की तैयारी ही 24 दिन तक उनकी साथी रही। मुश्किल वक्त था जब श्री सनातन धर्म पंजाबी रामलीला क्लब के कोषाध्यक्ष मदन जुनेजा और उनके परिवार के 9 सदस्य एक साथ काेरोना संक्रमण की जद में आए। लेकिन इनकी कोरोना पर जीत की जो तहरीर है वो आप सभी के लिए इस महामारी के दौर में नजीर है। आइए हम भी अब जुनेजा परिवार के इस हौसले और जज्बे की कहानी से रूबरू हों।

कोरोना की पहली लहर में का जून का महीना हमारे परिवार के लिए महामारी का दंश लेकर आया। संयुक्त परिवार में पत्नी उर्मिल, बेटी दिव्या, बेटा चिराग, भाई अशोक, उनकी पत्नी किरण, भतीजा आयुष और भतीजी नंदिनी हैं। जून 2020 के दूसरे सप्ताह में भतीजे आयुष को बुखार हुआ। परिवार में सब उसके संपर्क में थे। एक दिन बाद उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो गई। इसके बाद परिवार के सभी लोगों की कोरोना जांच हुई। जिसका अंदेशा था वही अनहोनी हुई। मुझे व बेटे चिराग को छोड़कर बाकी सभी सदस्यों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

परिवार के लिए मुश्किल घड़ी थी। लेकिन तय कर लिया था। कोरोना से ऐसे नहीं हार सकते। पूरा परिवार एकजुट हो इसके हराने की तैयारी में जुट गया। जीत का मंत्र मिला भगवान श्रीराम के जीवन संघर्ष से। एक सप्ताह परिवार के किसी सदस्य की रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई। तब विपत्ति में धैर्य बना पूरा परिवार सुबह पूजा पाठ में जुटने लगा। नतीजा रहा परिवार के मन से सबसे पहले कोरोना का डर भाग गया। करनाल में रहने वाली बेटी डॉ. रूचि जुनेजा ने रोज फोन पर परिवार का हौसला बढ़ाया। रोज शाम को पूरा परिवार 1 घंटे खूब ठहाके लगाने लगा।

पीजीआई के चिकित्सकों ने टेली कॉलिंग के जरिए रोज हमारी अपडेट ली। जरूरी चिकित्सीय सलाह दी। इस बीच नकारात्म विचारों से बचने के लिए अच्छी कहानियों व जीत के मंत्रा की सभी ने किताबें पढ़नी शुरू की। बच्चों के साथ उनके बचपन की यादें साझा की। परिवार में एक अलग उर्जा बनी रही। 24 दिन बाद वो पल आया जब पूरे परिवार की एक साथ कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। ये परिवार की एकता और हौसले की जीत थी।

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