पर्यटकों से गुलजार है कश्मीर:तीन दशक में पहली बार घाटी के सभी 10 जिलों में जा सकेंगे सैलानी, श्रीनगर हवाई अड्डे से हर रोज रिकाॅर्ड 45 फ्लाइट्स अप-डाउन हो रही हैं3 दशक में पहली बार कश्मीर के सभी 10 जिले पर्यटकों के लिए खोले जा रहे हैं। पहले सैलानी श्रीनगर, बडगाम, बारामुला और अनंतनाग ही जा पाते थेे। आतंक के गढ़ रहे दक्षिण कश्मीर में भी पर्यटकों की चहलकदमी दिखेगी। कुपवाड़ा का तंगधार, बंगस, बांदीपोरा का गुरेज, पुलवामा का शिकारगाह जैसे पर्यटन स्थल सैलानियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। मई तक प्रदेश के लगभग सभी बड़े पर्यटक स्थल खुल जाएंगे। कई अनजान और संरक्षित क्षेत्रों को भी खोला जा रहा है।
दूसरी तरफ, इस सीजन में अब तक 1 लाख से ज्यादा सैलानी कश्मीर पहुंच चुके हैं। गुलमर्ग जैसे हिल स्टेशन के 100% होटल बुक हैं। श्रीनगर में भी 30-40% होटल एडवांस बुक हैं। पर्यटकों की आमद का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि श्रीनगर एयरपोर्ट से रोज 45 फ्लाइट अप-डाउन हो रही हैं। पहले यह संख्या 10-15 रहती थी। कई रूट्स पर एक हफ्ते तक सीट नहीं हैं। पहली बार अहमदाबाद, बेंगलुरु जैसे शहरों से सीधी सेवा शुरू की गई है।
ये नए पर्यटन स्थल खुलने की उम्मीद
तंगधार: यह पहाड़ी इलाका कुपवाड़ा जिले मे नियंत्रण रेखा पर स्थित है। तीन तरफ से पाक अधिकृत कश्मीर से घिरा है। किशनगंगा नदी इसके बीच से निकलती है।
गुरेज: यह घाटी बांदीपोरा जिले मे नियंत्रण रेखा पर है। घाटी प्राचीन चीनी रेशम मार्ग के एक अंदरूनी मार्ग पर है। यहाॆ प्राचीन पुरातत्व स्थल हैं। शारदा विवि के खंडहर हैं। इसे ट्रेकर्स की जन्नत कहा जाता है।
बंगस: कुपवाड़ा जिले में स्थित यह घाटी विशाल पहाड़ों, नदियों और जंगलों से घिरी है। यह गुलमर्ग और पहलगाम से भी खूबसूरत है।
शिकारगाह: पुलवामा जिले के त्राल इलाके मे, यह वन्यजीवों का निवास भी है। यह घने जंगल के विशाल खंड है, जिसे पारंपरिक रूप से महारजाओ के लिए पसंदीदा शिकार स्थल माना जाता था।
दुधपथरी घाटी: दुधपात्री का अर्थ है ‘दूध की घाटी’ और इसका कारण यह है कि यहां घास के विशाल मैदान मे से बहने वाला पानी दूर से दूध जैसा दिखता है। हर जगह बर्फ से ढके पहाड़ और देवदार के जंगल हैं।
डकसम अनंतनाग: अनंतनाग से लगभग 40 किमी दक्षिण-पूर्व में है। ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग है। घास के मैदानों के साथ ब्रिंगी नदी इस जगह को खूबसूरत बनाती है।
कर्नाह: एलओसी के साथ कुपवाड़ा में कर्ना चार तरफ से पहाड़ों से ढका है। यह हेली स्कीइंग, स्नो स्कीइंग, रॉक क्लाइम्बिंग और बहुत साहसिक पर्यटन के लिए आदर्श जगह है।
लोलाब: पहले के समय मे इसे कश्मीर का प्रवेश द्वार कहा जाता था। यह अंडाकार आकार की घाटी है।
7 ट्रैकिंग रूट को मंजूरी, 1 मई से वन विभाग के रेस्ट हाउस बुक हो सकेंगे
प्रशासन ने 7 नए ट्रैकिंग मार्ग को मंजूरी दी है। ये रूट्स अब तक पर्यटकों के लिए बंद थे। पर्यावरण व वन्यजीव में दिलचस्पी रखने वाले सैलानी अब वन और पर्यटन विभाग के रेस्ट हाउस व इंस्पेक्शन हट्स में रुक सकेंगे। एक मई से ऐसे 29 रेस्टहाउस की ऑनलाइन बुकिंग होगी। जुलाई तक इनकी संख्या 58 हो जाएगी।
आतंकवाद में कमी, पथराव और बंद न होने की वजह से सुधर रहा है पर्यटन
पथराव व बंद की घटनाओं में कमी। आतंक दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में सिमट गया है।
महामारी की वजह से विदेशी यात्राएं रद्द हो गई हैं। ऐसे में पर्यटक कश्मीर-हिमाचल पहुंच रहे हैं।
देश के बड़े शहरों से श्रीनगर के लिए सीधी उड़ान शुरू की। रात्रि उड़ानों को भी मंजूरी मिली।
पर्यटन विभाग ने सैलानियों को प्रोत्साहित करने के लिए कश्मीर के विभिन्न शहरों में रोड शो किए।
26 फिल्मों की शूटिंग, अमरनाथ यात्रा से पर्यटन को बूस्ट
शूटिंग: कश्मीर में 26 बॉलीवुड क्रू शूटिंग पूरी कर चुके हैं या कर रहे हैं। वेब सीरीज की शूटिंग जारी है।
अमरनाथ यात्रा: 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के बाद सैलानियों का आना-जाना और बढ़ेगा।
नए मार्ग: 1 मई से 10 से ज्यादा नए स्थान खुलेंगे। समय से पहले खुले सोनमर्ग में 15 हजार लोग आ चुके हैं।