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शुद्ध जल:पेयजल सर्वेक्षण मिशन के पायलट प्रोजेक्ट में देश के 10 शहरों में रोहतक शामिल

2024 तक मिलेगा पर्याप्त व शुद्ध जल:पेयजल सर्वेक्षण मिशन के पायलट प्रोजेक्ट में देश के 10 शहरों में रोहतक शामिलपेयजल सर्वेक्षण मिशन के पायलट प्रोजेक्ट में देश के 10 शहरों में शामिल होने से रोहतक का पेयजलापूर्ति सिस्टम अब और दुरुस्त होगा। इसके जरिए वर्ष 2024 तक सभी 22 वार्डों के निवासियों को पर्याप्त और शुद्ध पीने का पानी मिलेगा। इस्तेमाल हो चुके पानी बर्बादी रुकेगी। उसका री यूज किया जाएगा। वहीं, आमजन को पानी के किफायती उपयोग और रेन हारर्वेस्टिंग आदि की तकनीकी जानकारियों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जागरूकता कार्यक्रम भी होंगे।

मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की ओर से जल जीवन मिशन में इस प्रोजेक्ट के लिए रोहतक का चयन यहां अम्रुत योजना के जरिए पेयजल को लेकर पहले से चल रहे प्रोजेक्ट के चलते विकसित हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते हुआ है। इसमें उत्तर भारत से रोहतक के अलावा उत्तर प्रदेश का आगरा शहर भी शामिल है।

इस पायलट प्रोजेक्ट के सबक अम्रुत योजना के चयनित देश के 100 शहरों में चल रहे प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से इस प्रोजेक्ट को लेकर जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है।

अम्रुत योजना में 6 नए संयंत्र बनकर तैयार

शहर की पेयजलापूर्ति व्यवस्था को बेहतर करने के लिए अम्रुत योजना के जरिए 6 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। जोकि पूरी तरह ऑटोमेटिक मोड पर काम करेंगे। इससे पेयजलापूर्ति की क्षमता भी 5 करोड़ एमएलडी से ज्यादा होगी।

इनका संचालन शुरू होने से पूरे शहर के साथ नगर निगम सीमा में शामिल किए 7 गांवों में भी पेयजलापूर्ति क्षमता दोगुनी हो जाएगी। ग्रामीण इलाकों में 70 की बजाए मानक के अनुसार 135 लीटर प्रति व्यक्ति पीने के पानी की आपूर्ति की जा सकेगी। साथ ही पुराने शहर के लिए भी जल शोधन क्षमता 2.20 करोड़ लीटर प्रतिदिन की बढ़ेगी।

12 हजार किलो लीटर क्षमता सीडब्ल्यूसी का भी प्रपोजल

प्रथम जलघर परिसर में बेकार हो चुके अंग्रेजों के जमाने में बने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के स्थान पर 12 हजार किलो लीटर का क्लियर वाटर रिजर्व वायर (सीडब्ल्यूसी) बनाने का प्रपोजल भी तैयार किया जा रहा है।

जलापूर्ति के लिए बन रहे नौ बूस्टर

अम्रुत योजना में पानी के 9 बूस्टरों का निर्माण नगर निगम की ओर से कराया जा रहा है। इन बूस्टरों के चालू होने के बाद शहर में पेयजल समस्या का समाधान होगा।

वर्ष 2013-14 में अम्रुत योजना की डीपीआर के समय वंचित रह गए इलाकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसके लिए प्रोफार्मा भरकर नगर निगम की ओर से भेजा गया है। पहले सर्वे होगा। फिर पब्लिक हेल्थ विभाग की ओर से डीपीआर बनाई जाएगी। लक्ष्य वर्ष 2024 तक पानी की समस्याओं से शहर को मुक्त करना है।

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