भर्तियों पर जोर:पुलिस ग्रुप-डी के पदों पर खुद करेगी भर्ती, कर्मचारी नहीं बदल सकेंगे विभाग2019 में एचएसएससी के जरिए भर्ती हुए ज्यादातर कर्मियों ने बदल लिया विभाग
पुलिस महकमे में जवानों की शिकायतों को लेकर अलग से सेल बनाया जाएगा
पुलिस महकमे में अब भर्तियों पर जोर दिया जाएगा। अब महकमा ग्रुप-डी की भर्ती खुद ही करेगा। 2019 में एचएसएससी के जरिए 18 हजार से ज्यादा ग्रुप-डी पदों की भर्ती में भी पुलिस विभाग को कर्मचारी आवंटित हुए थे। परंतु बाद में ज्यादातर या तो दूसरे विभागों में चले गए या फिर नौकरी छोड़ दी। इस भर्ती में काफी पढ़े-लिखे युवा भर्ती हुए थे।
ऐसे में अब पुलिस महकमा जब खुद भर्ती करेगा तो कर्मचारी दूसरे महकमों में नहीं जा सकेंगे। गृह मंत्री अनिल विज के सामने समीक्षा बैठक में ग्रुप-डी कर्मचारियों की कमी का मामला भी रखा गया था। विज ने कहा कि नाई, धोबी, कुक, वॉटर कॅरियर समेत सभी ग्रुप-डी के कर्मचारियों की भर्ती विभाग ही करे। ताकि वे स्थाई रहे।
भर्ती में इन पदों पर संबंधित काम करने वाले उम्मीदवार ही आवेदन कर सकेंगे। इसी प्रकार बैठक में बताया गया कि प्रदेश में हर साल 800 पुलिस कर्मचारी रिटायर हो जाते हैं तो करीब 200 की मौत हो जाती है। इसलिए पुलिस में कर्मचारियों की हर साल कमी हो रही है। हालांकि 7200 से ज्यादा पदों पर भर्ती होनी है। फिर भी गृह मंत्री ने कहा कि भर्ती लगातार होती रहेगी।
पुलिस महकमे में जवानों की शिकायतों को लेकर अलग से सेल बनाया जाएगा। वे अपनी समस्याएं लेकर सालों तक घूमते रहते हैं। गृह मंत्री विज ने कहा कि अलग से सेल बनाने के लिए डीजीपी को कह दिया गया है। ताकि किसी भी जवान की समस्या है तो वह इस सेल में रख सकेगा। बताया गया है कि पुलिस विभाग में खासकर फरीदाबाद में कलेरिक्ल का रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं किया गया है। जिससे जवान परेशान हैं। कई जगह वे अपनी बात रख चुके हैं।
पानीपत, सोनीपत, रेवाड़ी, कैथल, जींद समेत आठ जिलों में क्राइम बढ़ने पर विज ने अधिकारियों से किया जवाब तलब
प्रदेश के 8 जिलों में केस दर्ज होने के बावजूद उन पर गंभीरता से काम नहीं होने पर गृह मंत्री अनिल विज ने उन जिलों के एसपी को फटकार लगाई है। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि जब केस दर्ज हो गया तो उन मामलों को निपटाने में देरी क्यों की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि इन जिलों में करनाल, यमुनानगर, जींद, रेवाड़ी, हिसार और सोनीपत शामिल है। बैठक में क्राइम की समीक्षा करते हुए विज ने यह भी कहा कि एसपी अपने कार्यालयों से बाहर निकल कर थानों की जांच करें। पानीपत, सोनीपत, रेवाड़ी, कैथल, जींद आदि जिलों में क्राइम बढ़ने पर भी विज ने अधिकारियों से जवाब तलब किया। पुलिस अधिकारियों से कहा गया कि वे जनता से लाइजनिंग बढ़ाएं। सिस्टम से पहले सूचना आमजन से मिल सकती है। इससे अपराध होने से पहले भी रोका जा सकता है।
विज ने इन्वेस्टिगेशन के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि अपराधी को सजा व पीड़ित काे समय पर न्याय मिल सके। गांव कैमला में सीएम को हेलीकॉप्टर न उतर पाने के मामले में भी विज ने करनाल एसपी से बातचीत की।
बैठक में एसएचओ की कार्यप्रणाली को लेकर भी चर्चा की गई। विज ने कहा कि एसएचओ को अपने इलाके के हर अपराध की जानकारी होनी चाहिए। वहीं डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि अंधेरी रातों में एसएचओ सोते नहीं थे। वे रातों को फिल्ड में होते थे और वारदात होने से पहले अपराधी को पकड़ लेते थे। इसलिए एसएचओ भी बाहर निकलें।
जनता से पुलिस करे लाइजनिंग
अपराध मामलों की समीक्षा करते हुए विज ने कहा कि कोई भी अपराध छोटा या बड़ा नही होता। यदि शुरू से ही अपराध को रोकने के प्रयास किए जाएं तो आगे चलकर इसके बेहतर परिणाम मिलते हैं। अपराधियों में पुलिस का भय व रुतबा तभी बढ़ेगा जब पुलिस अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाते हुए जनता के साथ मेलजोल बढ़ाएगी।
3 जिलों से पहुंच रही शिकायत
प्रदेश में गृह मंत्री तक सबसे ज्यादा शिकायतें पानीपत, कैथल और जींद जिले से पहुंच रही हैं। विज ने पुलिस अधिकारियों की बैठक में भी यही कहा कि जब मेरे पास शिकायतें कम आएंगी तभी मानूंगा कि पुलिस काम कर रही है। जो भी शिकायत यहां से फॉरवर्ड की जाती है, उसे गंभीरता से लिया जाए।