वन विभाग की पहल:पहली बार 3 करोड़ पौधों की होगी जियो टैगिंग, प्रदेशभर में ड्रोन से तैयार कराए जाएंगे पौधरोपण साइटों के वीडियोहर साल करोड़ों पौधों लगाने के बावजूद उसकी सत्यता पर उठने वाले सवालों को लेकर इस बार वन विभाग नई पहल शुरू करने जा रहा है। अब सीजन में पौधों को जियो टैगिंग कराई जाएगी। साथ ही हर साइट की ड्रोन से वीडिया बनेगी। इससे कर्मचारी पौधारोपण में गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे। जब भी पौध रोपण के बाद उनकी ग्राउंड पर जांच कराई जाती है तो सामने आता है कि कई साइटों पर पौधे ही नहीं है।
महकमे के अधिकारियों ने इसे लेकर अपनी योजना का खाका तैयार कर लिया है। जियो टैगिंग के जरिए साइटों पर पौधों को गिना भी जा सकेगा। अगले सप्ताह मंथन किया जाएगा। इस बार मॉनसून में 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रख दिया गया है, जोकि पिछली बार 1.31 करोड़ का था।
विभाग समय पहले गड्ढ़े भी खुदवाएगा, ताकि पौधा लगाने से पहले उसमें अलग-अलग तत्वों की मिट्टी, पत्ते आदि उसमें गिरेंगे तो खाद तैयार होगी। इस बार नीम, बड़, पीपील, जामुन और शीशम के पौधे लगाने पर जोर दिया जाएगा। किसानों को भी खेतों में सफेदों के साथ दस फीसदी उक्त पौधे लगाने होंगे।
3300 गांवों को किया जाएगा हरा-भरा
प्रदेश में पिछले साल 1100 गांवों को पौधे लगाने के लिए चुना गया था। हर साल इतने का ही लक्ष्य था लेकिन इस बार एक साथ 2200 गांवों का चयन किया जाएगा। हर गांव की सरकारी और प्राइवेट जमीन की मैपिंग कराई गई है। पौधे स्कूल से लेकर धार्मिक स्थल, जोहड़ आदि क्षेत्रों में भी लगाए जाएंगे। जल्द ही इसकी रिपोर्ट मुख्यालय पहुंचेंगे। इसके लिए बाकायदा हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। वह ग्राउंड से आने वाली रिपोर्ट की चेकिंग भी कर रहें हैं।
जागरुकता अभियान चलेगा
वन विभाग की ओर से पौधगिरी और जलशक्ति अभियान के तहत पौधे निशुल्क दिए जाएंगे। पौधगिरी के तहत स्कूली बच्चों को तो जलशक्ति अभियान में पंचायतों को पौधे मिलेंगे। पौधरोपण के लिए बाकायदा जागरुकता अभियान भी चलेगा।
पौधरोपण जुलाई में शुरू
जुलाई के पहले सप्ताह में पौधरोपण शुरू होगा। जिनकी जियोटैगिंग होगी। इससे पौधों और साइटों का पूरा रिकॉर्ड सामने रहेगा। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कराया जाएगा।