इंडोनेशिया में देरी से बन रहे माता-पिता:एशिया के बूढ़े देश चाहें बेबी बूम, इंडोनेशिया ने कहा- बहुत हुआ, परिवार नियोजन और गर्भनिरोधक को बढ़ावा देंएशिया में मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम जैसे बूढ़े हो रहे कई देश जनसंख्या वृद्धि की कोशिश में लगे हैं, वहीं इंडोनेशिया में ऐसा नहीं है। वहां अधिकारी लोगों से कम बच्चे पैदा करने के लिए कह रहे हैं। दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश देर से विवाह, परिवार नियोजन और गर्भनिरोधक को बढ़ावा दे रहा है, ताकि 2025 तक प्रति महिला 2.1 बच्चों की प्रजनन दर को कम करता है।
इंडोनेशिया का यह नया कदम जनवरी अंत से शुरू हुए परिवार नियोजन अभियान के रूप में है, जो 1990 की शुरुआत में प्रजजन दर को प्रति महिला 3 बच्चों के नीचे लाने के एक दशक पुराने संघर्ष से मिलता-जुलता है। राष्ट्रीय जनसंख्या और परिवार नियोजन एजेंसी के प्रमुख हेस्टो वार्डोयो का कहना है कि हमारा लक्ष्य इंडोनेशिया की जनसंख्या वृद्धि को धीमा करने के बजाय स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे कारकों में सुधार लाने का है।
दूसरी ओर, इंडोनेशिया के लोग भी अब बच्चों से ज्यादा रोजगार और आमदनी के बारे में सोचते हुए देर से माता-पिता बन रहे हैं। पूर्वी इंडोनेशिया के कम्बोक आइसलैंड में रहने वाली यूलिया पूर्णामासारी कहती हैं-2018 में शादी के तुरंत बाद वे गर्भवती हो गई थीं, लेकिन उन्होंने और पति ने माना कि बच्चों की परवरिश के लिए समय और पैसे की जरुरत है, तो उन्होंने अगला बच्चा कुछ साल के लिए टाल दिया, ताकि वे सेविंग कर सकें।
वहीं दूसरी ओर, सरकार का अभियान अधिक डिजिटल कार्यबल तैयार करने पर जोर देने का है, जिससे ज्यादा से ज्यादा निवेशकों और विश्लेषकों को आकर्षित किया जा सके। हालांकि इंडोनेशिया की आबादी के आकार को देखते हुए यहां कि औसत से अधिक प्रजनन दर जनसंख्या को अचानक बढ़ा सकती है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, प्रति महिला 2.3 बच्चों की वर्तमान गति से इंडोनेशिया की जनसंख्या में अगले दशक तक 3 करोड़ लोग जुड़ेंगे। यह वृद्धि ऑस्ट्रेलिया की कुल आबादी को बौना बना देती है। नई आबादी से जुड़ी यह रणनीति विकास मॉडल का एक बुनियादी पुनर्मूल्यांकन होगा, जो इंडोनेशिया को 2030 तक दुनिया की 5 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाते हुए जर्मनी, जापान, रूस और ब्राजील से आगे कर देगा।