सैलानियों के लिए खुशखबरी:1026 किमी लंबे लेह-दिल्ली रूट पर 15 अप्रैल से दौड़ेगी HRTC की बस, डेढ़ महीना पहले बहाल हुआ रास्ताटनल बनने से रूट की लंबाई 46 किमी कम हुई, अब बस से 32 घंटे में पहुचेंगे लेह-लद्दाख
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और दुनिया के सबसे रोमांचक सफर के आनंद का अनुभव करवाने वाला मनाली-लेह मार्ग हर साल के मुकाबले इस बार डेढ़ महीना पहले ही खुल गया है और इसके बहाल होने से सीमावर्ती क्षेत्र लेह-लद्दाख मनाली से जुड़ गया है। इसके साथ ही देश के सबसे लंबे 1026 किमी लेह-दिल्ली रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के केलांग डिपो ने बस चलाने की तैयारी कर ली है।
केलांग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक मंगलचंद मनेपा ने बताया कि बस 15 अप्रैल से दौड़ेगी। वैसे भी अटल टनल रोहतांग बनने से बड़ी राहत मिली है। टनल बनने से इस रूट की लंबाई 46 किमी कम हुई है। अब बस से 36 की जगह 32 घंटे लगते हैं। टनल बनने से अब 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे से बर्फ हटाने की समस्या भी खत्म हो गई है। यही कारण है कि सीमा सड़क संगठन ने इस बार सड़क को दो माह पहले यातायात के लिए बहाल कर दिया है।
गौरतलब है कि एशिया के सबसे ऊंचे गांव किब्बर और मनाली-लेह रूट पर रोहतांग दर्रा, बारालाचा दर्रा (16020) नकी दर्रा (15552) लाचुंग दर्रा ( 16620) तंगलंग दर्रा (17480) के रास्ते पर बस दौड़ाने के लिए केलांग डिपो वर्ष 2017 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा चुका है। इन्हीं दर्रों से होकर बस लेह पहुंचेंगी। अटल टनल से पहले 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे के रास्ते लेह-दिल्ली के बीच 1072 किमी का सफर था।
तब दिल्ली से लेह तक पहुंचने में बस में 36 घंटे लगते थे। अब अटल टनल बनने से सफर 46 किमी कम हो गया है, जिससे अब लेह से दिल्ली के लिए 32 घंटे लगेंगे। सफर कम होने से किराये में भी कमी आई है। गत वर्ष तक रोहतांग दर्रे के रास्ते लेह-दिल्ली का किराया 1727 रुपये था, अब अटल से होते हुए यात्रियों को प्रति सीट 1656 रुपये देने होंगे।