मैराथन मीटिंग:इन्फ्रास्ट्रक्चर में करेंगे सुधार, भर्तियां होंगी, क्राइम फ्री बनाएंगे प्रदेश: विजपुलिस अफसरों ने रखी गाड़ियां कंडम होने व पुलिस जवानों की कमी की समस्या
प्रदेश में क्राइम, प्रशासनिक इश्यू और किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री अनिल विज ने चार घंटे की मैराथन मीटिंग की। मीटिंग में डीजीपी मनोज यादव से लेकर एडीजीपी स्तर के अधिकारी चंडीगढ़ में हरियाणा निवास में मंत्री के साथ बैठे, बाकि आईजी, एसपी आदि वीसी से जुड़े।
सूत्रों का कहना है कि यहां पर कई अफसरों ने गाड़ियां कंडम होने की बात रखी तो कुछ ने अस्थाई चौकियों को स्थाई करने, पुलिस रूल-2007 को नोटिफाइड कराने और पुलिस कर्मचारियों की कमी का मुद्दा रखा। करीब 70 हजार पदों में 55 हजार पद ही भरे हुए हैं।
15 हजार के करीब खाली पद हैं। इस पर विज ने कहा कि पुलिस की भर्ती लगातार होगी। साथ ही अन्य मांगों को लेकर भी आश्वासन दिया। क्योंकि पुलिस रूल-2007 में पुलिस को गाड़ी इंपाउंड करने जैसे कई अधिकार हैं, लेकिन वे तभी लागू होंगे जब नोटिफिकेशन होगा।
गृह मंत्री ने पुलिस अफसरों से कहा कि प्रदेश की पुलिस अभी देश में तीसरे-चौथे नंबर पर है। इसे नंबर एक पर लाना है। इसके लिए हरियाणा को क्राइम फ्री बनाना होगा। विज ने कहा कि बैठक में इन्फ्रास्टक्चर व स्टाफ की कमी की बात सामने आई है। उसे ठीक किया जाएगा। पुलिस अब और एक्टिव नजर आएगी। बैठक में होम सेक्रेटरी राजीव अरोड़ा भी मौजूद रहे।
‘हर दिन 12 से 1 बजे जनता दरबार लगाएं एसपी’
आम लोगों की शिकायतें गृह मंत्रालय तक खूब पहुंच रही है। इसलिए गृह मंत्री ने अफसरों से कहा कि वे हर दिन दोपहर 12 से एक बजे तक जनता दरबार लगाएं। उन्होंने कहा कि मैं तभी यह मानूंगा जब मेरे पास आने वाली शिकायतों में कमी आएगी।
उन्होंने कुछ एसर्पी को यह भी कहा कि उनके जिलों में केसों में ट्रेसिंग की गति कम है। इसलिए खासकर बड़े मामलों में एसपी खुद मॉनिटर करे। विज ने सभी एसपी से पेंडिंग मामलों को जल्द निपटाने के आदेश भी दिए। कहा, एसपी और आईजी लगातार ऐसे मामलों को मॉनिटिर करें। गृह मंत्री की पुलिस अफसरों के साथ हुई बैठक में यह भी संदेश दे दिया गया कि अब नेताओं या जनप्रतिनिधियों के घेराव को रोका जाए।
ये भी दिए निर्देश…
उद्घोषित अपराधियों व बेल जंपर्स को पकड़ने और अवैध हथियारों की बरामदगी के लिए विशेष अभियान शुरू किया जाए। ताकि अपराध दर को और कम किया जा सके।
एसपी सप्ताह में एक बार व्यक्तिगत रूप से एक पुलिस स्टेशन का दौरा कर उसके कामकाज का निरीक्षण करे।
गृह मंत्री के कार्यालय द्वारा चिह्नित शिकायतों को संबंधित डिविजन के डीएसपी की बजाए दूसरे डिविजन के डीएसपी से जांच कराई जाए।
गश्त बढ़ाने के साथ छापामारी की जाए। ताकि आपराधिक लोगों में भय बना रहें।