काेराेना की दूसरी लहर:सितंबर के पीक से ज्यादा हुआ जिले का पाॅजिटिविटी रेट, अब टेस्टिंग बढ़ाना जरूरीजिले में 7 छात्र सहित कोरोना के 61 नए संक्रमित मिले
सितंबर में 9.17 प्रतिशत था पाॅजिटिविटी रेट, अब 9.47 हुआ
काेराेना की दूसरी लहर आने पर खतरा और बढ़ गया है। क्याेंकि जब सितंबर-2020 में कोरोना पीक पर था, उस समय हर 100 सैंपलाें पर 9.17% रिपाेर्ट पाॅजिटिव मिलती थी, जबकि मार्च के पिछले 10 दिनाें में ही 9.47% रिपाेर्ट पाॅजिटिव मिली हैं। यानी अब पाॅजिटिव रेट ज्यादा आ रहा है। ऐसे में मरीजों की सैंपलिंग बढ़ाने की जरूरत है।
बुधवार काे 16.22% रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई हैं। बुधवार काे 376 रिपाेर्ट बनीं, जिसमें 61 लाेग पाॅजिटिव मिले हैं। बुधवार काे मिले नए केसाें में 7 छात्र भी संक्रमित हुए हैं। 3 छात्र एनसी काॅलेज के पाॅजिटिव अाए। एक 3 साल का बच्चा भी संक्रमित मिला हैं। यहीं नहीं वैक्सीन लगवाने वाले एक डेंटल डाॅक्टर भी दाेबारा पाॅजिटिव आए हैं। डाॅक्टराें का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद काेराेना बहुत ही कम स्तर का हाेता है, घबराने की जरूरत नहीं है।
चूक: ट्रेन से नागपुर चला गया संक्रमित, पर विभाग को पता ही नहीं
मूलरूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला 32 वर्षीय व्यक्ति पाॅजिटिव मिला था। बुधवार काे वह बिना बताए नागपुर में काम करने के लिए ट्रेन में बैैठकर रवाना हाे चुका है। इस मामले का स्वास्थ्य विभाग काे पता भी नहीं है। युवक ने कहा कि पानीपत में जाे सैंपल हुआ है, उन्हाेंने सिर्फ नाक में डालकर किया है। जबकि मैं 40 बार टेस्ट करा चुका हूं, उसमें नाक व गले से सैंपल लिया जाता है। मैं ताे नागपुर जा रहा हूं, चाहे काेई केस दर्ज करा दें, मैं जवाब देने के लिए बैठा हूं।
जिले में 41 केस अनट्रेस
सीएमओ डाॅ. संतलाल वर्मा ने बताया कि जिले में बुधवार काे 903 सैंपल काेराेना संदिग्ध के लिए गए हैं। काेराेना केसाें का आंकड़ा अब 11 हजार 689 पर पहुंच गया है। इसमें से 11 हजार 34 रिकवर केस चुके हैं। बुधवार काे रिकवर हुए 21 केस भी शामिल हैं। अनट्रेस केस भी अब 41 हाे गए हैं। जिले में 164 लाेगाें की काेराेना से माैत हुई है।
जनवरी से तीन गुना पॉजिटिव केस मिले
मार्च महीने में जनवरी से कम सैंपल हुए हैं, लेकिन पाॅजिटिव केस तीन गुना से भी अधिक मिले हैं। जनवरी महीने में 20 हजार 533 सैंपल हुए जबकि मार्च में ये आंकड़ा 1776 कम हाेकर 18757 पर पहुंचा। जनवरी में 223 केस मिले थे, जबकि मार्च में 783 केस मिले हैं।
माैत भी जनवरी से ज्यादा हुई हैं। जनवरी में 3 लाेगाें की जान गई थी, मार्च में 9 ने जान गंवाई हैं। मार्च में मिले केस जनवरी से तीन गुना से ज्यादा और फरवरी में मिले केसाें से 4 गुना से भी अधिक हैं। अप्रैल और मई महीने में स्थिति और भी बिगड़ सकती है।