किसान आंदोलन:10 अप्रैल को केएमपी जाम व मई में बाॅर्डरों से संसद कूच करेंगे किसानसंयुक्त मोर्चा ने बनाई सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति
कहा- पंजाब की घटना से हरियाणा का संबंध नहीं
5 अप्रैल को एफसीआई कार्यालयों का घेराव, 13 को किसान मनाएंगे वैशाखी पर्व
तीनों कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा किसानों का आंदोलन 5वें माह में प्रवेश कर चुका है। संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक कुंडली बॉर्डर पर बैठक कर सरकार पर दबाव बनाने के लिए आगे की रणनीति बनाई है। किसान नेताओं ने प्रेसवार्ता अगले सवा माह के कार्यक्रमों का ऐलान किया। इसमें सबसे बड़ा कार्यक्रम संसद कूच का है।
किसान नेताओं ने कहा कि मई के पहले पखवाड़े में पैदल संसद कूच करेंगे। हालांकि अभी तिथि नहीं बताई है, जो फसल कटाई व संसद के समय के अनुसार तय होगी। अप्रैल में किसान फसल कटाई के साथ आंदोलन जारी रखेंगे।
पंजाब में भाजपा विधायक से मारपीट के मामले के बाद हरियाणा में भाजपा ने जो प्रदर्शन किए हैं, उसपर किसान नेताओं ने कहा कि भाजपा जानबूझकर हरियाणा में हिंसा भड़काना चाहती है। इसका हरियाणा से कोई संबंध नहीं है। वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि वो धनखड़ खाप से बात करेंगे कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर समाजिक कार्रवाई करे और उन्हें ऐसा करने से रोके।
नई रणनीति, संयुक्त मोर्चा के अगले कार्यक्रम
5 अप्रैल को एफसीआई बचाओ दिवस मनाया जाएगा। इस दिन देशभर में एफसीआई के दफ्तरों का घेराव किया जाएगा।
10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए केएमपी ब्लॉक किया जाएगा। यह 10 अप्रैल को सुबह 11 बजे से 11 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक चलेगा।
13 अप्रैल को वैशाखी का त्यौहार दिल्ली की सीमाओं पर मनाया जाएगा।
14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अाम्बेडकर की जयंती पर संविधान बचाओ दिवस मनाया जाएगा।
1 मई मजदूर दिवस दिल्ली के बोर्डर्स पर मनाया जाएगा। इस दिन सभी कार्यक्रम मजदूर किसान एकता को समर्पित होगा।
मई में संसद कूच करेंगे। इसमें महिलाएं, दलित, आदिवासी, बेरोजगारों समेत समाज के हर तबके को शामिल करेंगे। दिल्ली के बॉर्डर तक लोग अपने वाहनों से आएंगे। दिल्ली से संसद तक पैदल मार्च किया जाएगा।
किसानों के स्मारक बनाएंगे
किसानों ने मिट्टी सत्याग्रह यात्रा शुरू की है, जो दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर पहुचेंगी। इसके बाद किसानों के स्मारक बनाएंगे। मोर्चा ने ऐलान किया कि अप्रैल में उत्तर प्रदेश के अंदर पंचायत चुनाव चलेंगे। इसमें भी भाजपा का विरोध करने का ऐलान किया है।
हम वार्ता को तैयार: गुरनाम
हरियाणा भाकियू नेता गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि सरकार जानबूझकर वार्ता करने से बच रही है। हमेशा पुराने प्रस्ताव की बात कह देती है, जिसमें कुछ नहीं है। उसे अस्वीकार कर चुके हैं। सरकार जब कहेगी, हम वार्ता को तैयार हैं। सरकार कोई नया प्रस्ताव तो भेजे।