ऑस्ट्रेलियाई सरकार का विरोध:चंडीगढ़ के वरुण और उसके बीमार बेटे को ऑस्ट्रेलिया से डिपोर्ट करने के खिलाफ शुरू हुई ऑनलाइन पिटीशन, 40 हजार लोग कर चुके साइनमैं ये नहीं चाहता कि मेरा बेटा बड़ा होकर मुझसे सवाल करे और पूछे कि मैं पैदा तो ऑस्ट्रेलिया में हुआ था, तो वहां रह क्यों नहीं सकता? मैं अपने बेटे के इलाज के लिए जितना भी हो, खर्च कर सकता हूं, लेकिन मेरी लड़ाई बेटे के हक की है जो उसे मिलना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने हमारी पूरी फैमिली को सिर्फ इसलिए डिपोर्ट करने के लिए कह दिया क्योंकि मेरा बेटा सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से जूझ रहा है।
सरकार के फैसले के खिलाफ मैंने ऑस्ट्रेलिया में एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में अपील फाइल कर दी है। दरअसल, अगर कायान को पीआर मिल जाती है तो ऑस्ट्रेलिया सरकार की जिम्मेदारी बन जाएगी और उसे कायान के इलाज का सारा खर्च करना होगा।
कायान के इलाज, स्पेशल स्कूल और अन्य सभी खर्चे मिलाकर अगले 10 साल में 1.2 मिलियन ऑस्ट्रेलिया डॉलर यानी इंडियन करेंसी में लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च होगा। ये खर्च सरकार उठाना नहीं चाहती है इसलिए हमारे परिवार को डिपोर्ट किया जा रहा है। अभी तक अपने बेटे का खर्चा मैं खुद ही उठा रहा हूं। पिछले 6 साल से पीआर के लिए धक्के खा रहा हूं और लगभग 40 हजार डॉलर खर्च भी कर चुका हूं। -वरुण कत्याल (जैसा कि उन्होंने रवि अटवाल को बताया)
जस्टिस फॉर कायान नाम से शुरू की ऑनलाइन पिटीशन…
चंडीगढ़ सेक्टर-28 के वरुण कत्याल पिछले 12 साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं। वे वहां पर शेफ हैं। वरुण के बेटे कायान को इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया में जस्टिस फॉर कायान नाम से ऑनलाइन पिटीशन शुरू की गई है जिसे चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से समर्थन मिल रहा है।
दो दिन में ही 40 हजार से ज्यादा लोगों ने पिटीशन पर साइन कर दिए हैं। पिटीशन को पूरी दुनिया में सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया जा रहा है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों से भी वरुण और उनके बेटे कायान के हक के लिए लोग आवाज उठा रहे हैं।
6 साल के कायान को है न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
वरुण कत्याल 12 साल पहले चंडीगढ़ से स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गए थे। 2012 में चंडीगढ़ की ही लड़की से शादी की और 2015 में कायान का जन्म हुआ। कायान को जन्म से ही सेरेब्रल पाल्सी बीमारी है। ये एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो बच्चों की शारीरिक गति, चलने-फिरने की क्षमता को प्रभावित करता है। इस वजह से इमिग्रेशन विभाग ने फरवरी 2021 में वरुण के परिवार को देश छोड़ने का हुकम दे दिया है।