जलवायु परिवर्तन से लड़ने की कोशिश:भारत से दोगुने बड़े जंगल को मार्केट में बदल रहा रूस
March 24, 2021
SSF शूटिंग वर्ल्ड कप:मेन्स 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में एश्वर्य प्रताप सिंह ने जीता गोल्ड
March 24, 2021

श्रीलंका में मानवाधिकार उल्लंघन पर UN में प्रस्ताव पास:भारत ने नहीं दिया अपने पड़ोसी का साथ

श्रीलंका में मानवाधिकार उल्लंघन पर UN में प्रस्ताव पास:भारत ने नहीं दिया अपने पड़ोसी का साथ; चीन और पाकिस्तान ने श्रीलंका के पक्ष में की वोटिंगश्रीलंका को UN (संयुक्त राष्ट्र) से एक बड़ा झटका मिला है। UNHRC (संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद) में श्रीलंका के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन का लाया गया प्रस्ताव पास हो गया। UNHRC के 47 सदस्य देशों में से 22 ने प्रस्ताव का समर्थन किया, 11 ने इसके विरोध में अपना मत दिया। 14 देश वोटिंग से दूर रहे। भारत ने अपने पड़ोसी देश श्रीलंका का साथ न देते हुए वोटिंग न करने का फैसला लिया। इधर, चीन और पाकिस्तान ने श्रीलंका के पक्ष में मतदान किया है।

भारत के इस फैसले का श्रीलंका के साथ उसके रिश्तों पर भी असर नजर आ सकता है। दरअसल, वोटिंग से काफी दिन पहले श्रीलंका ने भारत से संपर्क किया था और प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने की अपील की थी। भारत ने उस समय श्रीलंका को कोई जवाब नहीं दिया था।

सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार के फैसले पर व्यंग किया
BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भारत सरकार के वोटिंग से बाहर रहने के फैसले को गलत ठहराया है। स्वामी ने सोशल मीडिया पर कहा कि मोदी सरकार को विश्व में सबसे ज्यादा बिकने वाली एक किताब लिखनी चाहिए। इसका नाम होगा, ‘कैसे अपने दोस्तों को खोकर दुश्मनों को आगे बढ़ाएं’।
दरअसल, अमेरिकी लेखक डेल कॉर्नेजी की एक किताब है, जिसका नाम हाउ टू विन फ्रेंड एंड एंफ्लुएंस द पीपल है। स्वामी ने ने कहा कि मोदी सरकार की किताब इसका जवाब होगी। उन्होंने कहा कि हम नेपाल, भूटान और श्रीलंका को खो चुके हैं और चीन-पाकिस्तान को बढ़ावा दे रहे हैं।

तमिलनाडु में चुनाव भी सरकार के वोट में फेक्टर बना
श्रीलंका में मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत सरकार बीच का रास्ता अपनाएगी, ये कयास काफी पहले से लगाए जाने लगे थे। दक्षिण भारत के लोगों के लिए श्रीलंका के तमिलों का मुद्दा काफी मायने रखता है और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव भी एकदम करीब हैं। UNHRC में जो बिल पास हुआ है, उसमें श्रीलंका के तमिलों के मानवाधिकार का मुद्दा भी शामिल था। श्रीलंका की सरकार प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने की अपील कर रही थी, लेकिन तमिल नेशनल अलायंस (TNA) इसके पक्ष में मतदान की मांग कर रहा था। TNA ही श्रीलंका तमिलों का प्रतिनिधित्व कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES