दुखद:कंडक्टर न होने से बस से उतरते हुए अगले पहिए के नीचे आई 6 साल की मन्नत, डॉक्टर ने मृत घोषित कियाउसने एक दम से स्पीड दी तो पहिया बच्ची के ऊपर से निकल गया
जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र ने बताया कि बस चालक पर केस दर्ज कर लिया
छप्पर के गांव लवानी में सेकंड क्लास की छात्रा मन्नत (6) के ऊपर से स्कूल बस का पहिया निकल गया। इससे उसकी मौत हो गई। मन्नत गांव कलावड़ में स्थित दहिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती थी। हादसा उसके घर के सामने ही हुआ। छात्रा के ऊपर से स्कूल बस का अगला पहिया निकल गया। आरोप है कि बस में कंडक्टर नहीं था। इससे ड्राइवर को बस से उतरी मन्नत नजर नहीं आई।
उसने एक दम से स्पीड दी तो पहिया बच्ची के ऊपर से निकल गया। चालक मौके से फरार हो गया। मन्नत के चाचा का आरोप है कि गंभीर रूप से घायल बच्ची को अस्पताल ले जाने के लिए स्कूल की दूसरी बस के ड्राइवर को कहा तो उसने मना कर दिया। इसके बाद वे अपने निजी वाहन से बच्ची को डॉक्टर के पास लेकर गए। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र ने बताया कि बस चालक पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया।
दबाव डालकर स्कूल बुलाया था बच्ची को
विक्रम ने बताया कि उसकी भतीजी मन्नत कलावड़ के दहिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती थी। मंगलवार को शहीदी दिवस था। स्कूलों की छुट्टी थी। इसके बाद भी दबाव डालकर स्कूल प्रबंधन और टीचरों ने बच्चों को स्कूल बुलाया। दोपहर 2 बजे जब बस में बच्ची गांव पहुंची तो ड्राइवर ने बस से उतरे ही एक दम से बस चला दी। बच्ची के ऊपर से अगला टायर निकल गया। उनका कहना है कि बस में क्लीनर भी नहीं था।
अनट्रेंंड ड्राइवर रखते हैं और नियमों को भी पूरा नहीं करते
स्कूल बस से किसी के बच्चे की यह पहली मौत नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं। हर हादसे के बाद नई-नई लापरवाही सामने आती है। बस में कंडक्टर नहीं था। वहीं यह भी जांच का विशेष है कि ड्राइवर पर लाइसेंस था या नहीं। वहीं बस की पासिंग थी या नहीं। बस अन्य नियम पूरे करते हैं या नहीं। सरकारी विभाग के अधिकारी स्कूल बसों की जांच नहीं करते। पैसे बचाने के चक्कर में अनट्रेंड ड्राइवर रखते हैं।
स्कूल बस से बच्ची के कुचले जाने की सूचना मिली है। इस मामले को लेकर ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर समेत तीन अधिकारियों की टीम जांच के लिए बनाई गई है। टीम बुधवार को स्कूल में जाएगी और यह जांच करेगी कि छुट्टी के दिन स्कूल में बच्चों को क्यों बुलाया गया। जांच के आधार पर स्कूल के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।