आज वर्ल्ड टीबी डे:जिले में पिछले सवा तीन सालाें में 401 लाेगाें की टीबी से जान गई, हर साल साढ़े तीन हजार मरीज भी मिल रहे60 मरीज ऐसे जिनकी तबियत बिगड़ी, आज सिविल अस्पताल में मरीजाें काे टीबी के बारे में किया जाएगा जागरूक
इन मरीजाें काे एमडीआर कैटेगरी में रखा गया
वर्ल्ड टीबी डे… घड़ी चल रही है… इस थीम पर मनाया जाएगा। इस साल की थीम का मतलब है कि वैश्विक नेताओं द्वारा किए गए टीबी को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धताओं पर कार्य करने के लिए दुनिया समय से बाहर चल रही है। जिले में पिछले सवा तीन सालाें में 401 लाेगाें की जान टीबी से गई है। वहीं, हर साल साढ़े तीन हजार मरीज भी मिल रहे हैं। 60 मरीज ऐसे हैं, जिनकी तबियत बिगड़ी है।
इन मरीजाें काे एमडीआर कैटेगरी में रखा गया है। बुधवार काे सिविल अस्पताल में टीबी के बारे में जागरूक किया जाएगा। जिले में कई सालाें से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय टास्क फोर्स टीबी मुक्त करने के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार का भी 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश करने का भी लक्ष्य है।
टीबी रोग एक बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है- डॉ. प्रवीन
छाती राेग विशेषज्ञ डाॅ. प्रवीन मल्हाेत्रा ने बताया कि टीबी रोग एक बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। इसे फेफड़ों का रोग माना जाता है, लेकिन यह फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। रोग सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं। किसी रोगी के खांसने, बात करने, छींकने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिनमें उपस्थित बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रह सकते हैं और स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सांस लेते समय प्रवेश करके रोग पैदा करते हैं।
मरीजों के खाते में ट्रांसफर होती है रकम
सीएमओ डाॅ. संतलाल वर्मा ने बताया कि चिह्नित हुए पात्र मरीजों को निक्षय पोषण योजना का लाभ देते हुए, खाते में रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी। समय-समय पर मरीजाें के खाते में हर माह 500 रुपए भेजे जाते हैं। पोषण योजना के तहत मरीजों को 2020 तक 89.35 लाख का भत्ता दिया जा चुका है।
जिले में है 6 टीमें, 13 स्थानों पर जांच की सुविधा
20 में 41 केस ऐसे मिले जो टीबी के साथ एचआईवी पॉजिटिव हैं।
141 केस ऐसे हैं जिनको टीबी और डायबिटीज भी है।
270 केसों में तंबाकू के उपयोग के कारण टीबी का होना पाया गया है।
जिले में 6 टीमें हैं, 13 स्थानों पर टेस्ट की सुविधा है।
जिले का सक्सेस रेट 90% से ऊपर।
ये हैं लक्षण
सप्ताह से ज्यादा लगातार खांसी।
खांसी के साथ बलगम आ रहा हो।
खांसी में कभी-कभार खून आना।
भूख कम लगना, वजन कम होना।
शाम या रात के वक्त बुखार आना।
सर्दी में भी पसीना आना।
सांस उखड़ना या सांस लेते हुए सीने में दर्द होना।