सुनारिया जेल में बन रहा रेडियो स्टेशन:गुड माॅर्निंग रोहतक, ये सुनारियां जेल से सीधा प्रसारण है: अब सुनिए अपनी पंसदीदा रागिनीदी निभाएंगे रेडियो स्टेशन में रिपोर्टर- जॉकी की भूमिका, रोज एक घंटा होगा कार्यक्रमों का प्रसारण
सुनारियां जेल में अब रेडियो स्टेशन बन रहा है। ये जेल प्रबंधन का खुद का रेडियो स्टेशन है। रेडियो पर जेल से संबंधित खबरें और मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। खास बात ये कि रेडियो पर प्रसारित होने वाले हर कार्यक्रम में प्रमुख भूमिकाओं से लेकर अन्य कामों का जिम्मा बंदी संभालेंगे। फिलहाल जेल प्रबंधन की ओर से पांच बंदियों को रेडियो जॉकी के लिए चयनित किया गया है। इनमें एक माली और दो रागनी गायक समेत पांच बंदी शामिल हैं। जेल रेडियो का उद्देश्य जेल में कला, रचनात्मकता और सद्भाव को बढ़ावा देना है।
इन बंदियों को तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा ने दिसंबर 2020 में एक रेडियो वर्कशाप के जरिए प्रशिक्षित किया था। सुनारियां जेल में रेडियो का काम अभी जारी है। अप्रैल के अंतिम में रेडियो स्टेशन से कार्यक्रम प्रसारित होने शुरू हो जाएंगे। इससे पहले हरियाणा में फरीदाबाद, पानीपत और अंबाला जेल में पहले से ही जेल रेडियो शुरू हो चुके हैं। इन जेल रेडियो को टीजेआर यानी तिनका जेल रेडियो नाम दिया जाएगा।
बदलने का मौका मिलेगा तो अपराधी का दिल-चरित्र बदलेगा
तिनका-तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ.वृतिका नंदा ने बताया कि वह जेलों में लगातार शोध कर रही हैं। कैदी अपनी जिंदगी बदल सकते हैं। जरूरत होती है, उनके साथ संवेदना दिखाने की। अगर हम उन्हें नफरत की निगाह से देखेंगे, उन्हें बदलने का मौका नहीं देंगे तो जेल से बाहर आकर वे फिर से अपराध की दुनिया में चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि सुनारियां जेल में रेडियो के संचालन को लेकर जेल सुपरिटेडेंट सुनील सांगवान ने बंदियों को रेडियो का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा रेडियो के संचालन में भी सहयोग किया।
अनपढ़ से ग्रेजुएशन तक के बंदी बने रेडियो का हिस्सा
रेडियो पर अपना हुनर दिखाने वाले बंदियों में कोई खास प्रोफेशनल नहीं है। बल्कि एक-दो बंदी तो अनपढ़ हैं। जिनको रेडियो के बारे में खास कोई जानकारी नहीं थी। मगर ऑडिशन के दौरान उनकी प्रतिभा को देखकर इनका चयन किया गया है।