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देशमुख पर मुंबई पुलिस के सस्पेंड पुलिसकर्मी सचिन वझे को100 करोड़ का टारगेट देने का आरोप लगा है

एंटीलिया केस:अनिल देशमुख गृहमंत्री रहेंगे या नहीं, शरद पवार आज फैसला ले सकते हैं; पुलिस को 100 करोड़ का टारगेट देने के आरोप में घिरे हैं देशमुखमहाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन बेहद खास रहेगा। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर की वजह से विवादों में घिरे गृहमंत्री अनिल देशमुख की किस्मत पर आज फैसला हो सकता है। NCP चीफ शरद पवार को यह तय करना है कि अनिल देशमुख पद पर रहेंगे या नहीं?

देशमुख पर मुंबई पुलिस के सस्पेंड पुलिसकर्मी सचिन वझे को 100 करोड़ का टारगेट देने का आरोप लगा है। वहीं वझे, मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखवाने के मामले में फंसे हैं।

जयंत पाटिल ने कहा- देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं
हालांकि, रविवार देर रात शरद पवार के साथ दिल्ली में NCP नेताओं की बैठक के बाद जयंत पाटिल ने कहा कि अनिल देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है। ATS एंटीलिया और मनसुख हिरेन केस की जांच कर रही है और हमें भरोसा है कि आरोपी जल्द सलाखों के पीछे होंगे।

पाटिल ने आगे कहा कि दोनों मामलों में ध्यान भटकाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान फिलहाल इन दो घटनाओं पर है और उसके बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, मामले को टालने के लिए जयंत पाटिल ने कहा कि हमने इस बैठक में पंढरपुर-मंगलवेद विधानसभा उपचुनाव पर चर्चा की है। पंढरपुर में 17 अप्रैल को उप चुनाव होने हैं।राउत बोले- वझे मामले से राज्य सरकार की छवि को नुकसान हुआ
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों और सचिन वझे मामले से राज्य सरकार की छवि को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही राउत ने कहा कि सभी सहयोगी दलों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि उनके पैर जमीन पर हैं या नहीं। राउत भी NCP चीफ शरद पवार से मिलने के लिए उनके घर गए थे।

कांग्रेस के केंद्रीय नेता भी इस मुद्दे पर पवार से संपर्क में
इस बीच, कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी के केंद्रीय नेता देशमुख से जुड़े मामले में महाराष्ट्र के नेताओं के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक इसी मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने रविवार को दिल्ली में शरद पवार से मुलाकात की थी।

पवार बोले- देशमुख पर गंभीर आरोप, लेकिन सबूत नहीं
शरद पवार ने रविवार को कहा, ‘परमबीर ने देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन उसका कोई सबूत नहीं दिया गया। चिट्‌ठी में यह भी नहीं बताया कि पैसा किसके पास गया। साथ ही पत्र पर परमबीर के साइन भी नहीं हैं। मुझे नहीं पता कि महाराष्ट्र सरकार को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है या नहीं। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सरकार पर इन सब मामलों का कोई असर नहीं होगा।’

पवार ने मामले की जांच पूर्व IPS ऑफिसर जूलियो रिबेरो से कराने का सुझाव भी दिया। उन्होंने देशमुख के इस्तीफे से जुड़े एक सवाल पर कहा कि उद्धव से चर्चा के बाद एक-दो दिन में इस पर फैसला ले लिया जाएगा।

रिबेरो ने कहा- मैं फिलहाल उपलब्ध नहीं
शरद पवार ने रिबेरो से जांच का सुझाव दिया है, लेकिन रिबेरो का कहना है, किसी ने (राज्य सरकार में से) मुझसे संपर्क नहीं किया है और वैसे भी अगर वे मुझसे संपर्क करते हैं तो, मैं उपलब्ध नहीं हूं। मैं 92 साल का हूं। इस उम्र में कोई ऐसा काम नहीं करता। अगर जांच महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ है तो पवार को यह देखना चाहिए, क्योंकि वे (सत्तारुढ़) पार्टी के मुखिया हैं।’

फडणवीस का आरोप- ट्रांसफर पर लेन-देन
इस मामले में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘गृहमंत्री अनिल देशमुख के पद पर रहते जांच संभव नहीं है। ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर लेन-देन और वसूली के मामले को लेकर इस सरकार में यह पहला पत्र नहीं है। इसके पहले पुलिस महानिदेशक रहे सुबोध कुमार जायसवाल ने रिपोर्ट सरकार को दी थी, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर वे केंद्र में डेपुटेशन पर चले गए। यह कैसे संभव है कि पुलिस महकमे में चल रही गतिविधियों की जानकारी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को नहीं हो।’

दिग्विजय सिंह के भाई ने कहा कांग्रेस वापस ले समर्थन
इस बीच, मध्यप्रदेश से कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने अनिल देशमुख के मामले में महा विकास अघाड़ी से समर्थन वापस लेने की मांग की है। लक्ष्मण सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अगर 100 करोड़ हर महीने मुंबई पुलिस के जरिए महाराष्ट्र के गृहमंत्री वसूल रहे हैं तो देशमुख देश के मुख नहीं हो सकते। लगता है अगाड़ी सरकार पिछड़ती जा रही है। कांग्रेस को समर्थन वापस लेना चाहिए।’

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